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Hindi News क्राइम अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भंडाफोड़, 1 गिरफ्तार, सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल व 2 जिंदा कारतूस बरामद

अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भंडाफोड़, 1 गिरफ्तार, सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल व 2 जिंदा कारतूस बरामद

साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के दौरान यह पता चला कि कुछ फेसबुक प्रोफाइल/यूआरएल ने पोस्ट/वीडियो शेयर किए थे जिसमें वे अवैध हथियारों/हथियारों की बिक्री की पेशकश कर रहे थे।

अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भांडाफोड़, 1 गिरफ्तार, सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल व 2 जिंदा कारतूस बरामद- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भांडाफोड़, 1 गिरफ्तार, सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल व 2 जिंदा कारतूस बरामद

Highlights

  • फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया माध्यम से अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भंडाफोड़
  • हितेश सिंह उर्फ लंगड़ा को तब पकड़ा गया जब वह बकाया कैश लेने आया था
  • गैंग कुख्यात बदमाशों को हथियार सप्लाई करता था और इसके 11 पुराने क्रिमिनल लिंक्स मिले हैं

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल साइपेड ने फेसबुक (Facebook) और दूसरे सोशल मीडिया माध्यम से अवैध हथियार बेचने वाले मॉड्यूल का भांडाफोड़ किया है। साइपेड के डीसीपी केपीएस मलहोत्रा के मुताबिक राजस्थान से एक शख्स हितेश को गिरफ्तार किया गया है, जिसका क्रिमिनल बैकग्राउंड है। इसके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल और 2 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। जांच में पता चला कि इस मॉड्यूल के संबन्ध पाकिस्तान और एंटी नेशनल एलिमेंट्स से मिले हैं, जिसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता था। ये गैंग कुख्यात बदमाशों को हथियार सप्लाई करता था और इसके 11 पुराने क्रिमिनल लिंक्स मिले हैं।

स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट (साइपेड) ने अवैध हथियार बेचने में शामिल सोशल मीडिया पर चल रहे एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। हितेश सिंह (उम्र 38 वर्ष) उर्फ लंगड़ा पुत्र कोमल सिंह निवासी 136, ओलंपिक रोड सिनेमा, गिरधारी सिंह की हवेली, जोधपुर, राजस्थान नामक एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के साथ इस मॉड्यूल के काम करने के तरीके और संबंधों का खुलासा किया है । 

साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने  के दौरान यह पता चला कि कुछ फेसबुक प्रोफाइल/यूआरएल ने पोस्ट/वीडियो शेयर किए थे जिसमें वे अवैध हथियारों/हथियारों की बिक्री की पेशकश कर रहे थे। उन्होंने अपने फेसबुक पेजों पर हथियारों और गोला-बारूद की तस्वीरें और वीडियो भी प्रदर्शित किए थे। डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि इनमें से सबसे मेन गैंग लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप के नाम से एक ग्रुप था। क्योंकि रोहिणी कोर्ट शूटआउट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण था। इस मामले को आईएफएसओ, स्पेशल सेल में उठाया गया और आइपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। 

जांच के दौरान लॉरेंस बिश्नोई से संबंधित फेसबुक प्रोफाइल की जांच की गई और पाया गया कि फेसबुक पर दोस्तों की लिस्ट में से हितेश राजपूत (हिरपाल सिंह) का फेसबुक पर एक अलग प्रोफाइल भी था, जो बिक्री के लिए अवैध हथियारों की पेशकश भी कर रहा था। टेक्निकल सर्विलांस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए हीरपाल सिंह के एक्टिव प्रोफाइल की पहचान की गई। फेसबुक प्रोफाइल आईडी के साथ एक सौदा हुआ और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कॉन्टेक्ट किया गया। कॉन्टेक्ट के दौरान हथियार वीडियो हिरपाल सिंह द्वारा शेयर किए गए थे और उसी के लिए एडवांस कैश उनके द्वारा दिए बैंक एकाउंट में जमा किए थे।

आरोप है कि हितेश सिंह उर्फ लंगड़ा को हरियाणा के मानेसर से तब पकड़ा गया जब वह बाकि कैश लेने आया था तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच की गई। जिससे आगे काम करने इनपुट/लीड मिले और उसे डेवलप किया जा रहा है। उसके एंटीनेशनल से और पाकिस्तान में भी संबंध थे। आरोपी हितेश सिंह पेशे से अपराधी है और राजस्थान की विभिन्न जेलों में अक्सर कैद रहा है, उसने अन्य अपराधियों के साथ संबंध भी सामने आए हैं। इसके अलावा यह पता चला है कि वह नए/भोले अपराधियों को धोखा देता था और केवल कुख्यात अपराधियों/गिरोहों को हथियारों की सप्लाई करता था।

पूछताछ में पता चला कि उसने अपनी आपराधिक एक्टिविटी 2010 में शुरू की थी। उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक किताब की दुकान में चोरी की थी। जेल से बाहर आने के बाद वह बाइक चोरी कर बेचने लगा। जेल में उनकी मुलाकात एक डकैत धन सिंह पीपरोली उर्फ ठाकुर धनु प्रताप सिंह राठौर से हुई जो उनके गुरु बने। 2013 में जब हितेश सिंह जोधपुर जेल से जमानत पर रिहा हुए, तो उनके गुरु धन सिंह पीपरोली ने उन्हें शैतान सिंह टेकरा (इनायत बस सेवा के मालिक) को मारने का काम दिया। हितेश सिंह ने सुनियोजित हत्या की योजना बनाई और फायरिंग को अंजाम दिया लेकिन शैतान सिंह बाल-बाल बच गया। फायरिंग का आधार यह था कि निजी बस सेवा चलाने में शैतान सिंह पूरे राजस्थान पर हावी था और छोटे खिलाड़ियों ने शैतान सिंह को मारने के लिए धन सिंह पीपरोली से संपर्क किया था। इसी तरह हितेश सिंह कभी राजस्थान के एक टोल पर डकैती में शामिल था जिसमें टोल के पूरे स्टाफ को लेटा दिया जाता था और बुरी तरह पीटा जाता था। इसके ऊपर 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। आगे की जांच और गैंग के दूसरे क्रिमिनल्स की तलाश जारी है। 

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