मथुरा (उत्तर प्रदेश): 17 साल से फरार अपराधी को मथुरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह हापुड़ जिले के एक गांव के मंदिर में साधु के वेश में रह रहा था। अजय और तीन अन्य पर 2005 में आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर एक कार में यात्रा कर रहे यात्रियों को लूटने का मामला दर्ज किया गया था। अन्य तीन को तो अपराध के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन अजय भाग गया था। फिर उसने अपना नाम बदलकर ब्रह्मगिरी महाराज रख लिया। अपनी पहचान छिपाने के लिए दाढ़ी और सिर मुंडवा लिया।
ऐसे खुली फर्जी बाबा की पोल
दो दिन पहले अजय की किस्मत ने आखिरकार साथ छोड़ दिया जब पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर दोनों के बीच लड़ाई के बाद उसके भाई अरुण ने पुलिस को उसके छिपने की जगह के बारे में सूचित किया। मूल रूप से गाजियाबाद का रहने वाला अजय अब 54 साल का हो गया है।
जयपुर में हत्या और दंगा का एक मामला भी लंबित
थाना हाईवे क्षेत्र में वर्ष 2005 में लूट की हुई एक वारदात में अजय शर्मा उर्फ बाबी पुत्र प्रेमचंद शर्मा फरार चल रहा था। वारदात के बाद आरोपित हापुड़ जिले की कोतवाली क्षेत्र के गांव सिखेड़ा स्थित शिवहिर मंदिर पर साधु के रूप में रहने लगा। आरोपित का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका। उसके फरार होने के बाद मथुरा पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को 25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की। पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ जयपुर में हत्या और दंगा का एक मामला भी लंबित है।
मथुरा के हाईवे पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने कहा कि पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि अजय ने अपनी पहचान बदल ली है और हापुड़ जिले के सिखेरा गांव में शिवहरी मंदिर में रह रहा है।
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