लॉरेश विश्नोई गैंग का कुख्यात गैंगस्टर दीपक टीनू जिस तरह से हाल ही में पंजाब के मानसा के CIA के इंचार्ज प्रितपाल की कस्टडी से फरार हो गया था, उसी दीपक टीनू को स्पेशल सेल कांउटर इंटेलीजेंस यूनिट ने अजमेर के एक गांव से आज गिरफ्तार कर लिया है। दीपक टीनू इसके पहले साल 2017 में भी हरियाणा पुलिस की कस्टडी से भगा गया था। इस बार दीपक टीनू जब पंजाब पुलिस की कस्टडी से हुआ तो पंजाब पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। यही वजह थी कि पंजाब पुलिस ने CIA इचार्ज को तुरंत नौकरी से बर्खास्त कर उसे गिरफ्तार किया था।
फरार होने के बाद कहां जाकर छुपा था टीनू
स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल की मानें तो दीपक टीनू मानसा से फरार होने के बाद सीधे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर राजस्थान के हनुमान गढ़ के गुगहेडी में जाकर छिप गया था। जिसके बाद बीकानेर, जयपुर, और फिर अजमेर में जाकर छुपा हुआ था। पता चला है कि अजमेर में राजस्थान के अपने वक्त के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के पुराने ठिकाने पर दीपक टीनू को रुकवाया गया था। इस दौरान लगातार दीपक टीनू को गोल्डी बराड़ का सपोर्ट मिल रहा था। इसके लिए बाकायदा लॉरेस बिश्नोई गैंग के संपत नेहरा और अनमोल बिश्नोई के दो खास गैंगस्टर अजरबैजान में मौजूद रोहित गोदारा और यूरोप में मौजूद जैक से मदद मिल रही थी।
हैंड ग्रेनेड और अत्याधुनिक हथियार बरामद
स्पेशल सेल के सीपी धालीवाल ने बताया कि अजरबैजान और यूरोप से यह दोनों शख़्स दीपक टीनू को लॉजिस्टिक पैसे के स्पोर्ट कर रहे थे। यहां तक कि दीपक टीनू का फर्जी पासपोर्ट बनवा कर उसे विदेश भगाने की प्लानिंग भी की जा रही थी। स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी के मुताबिक 5 हैंड ग्रेनेड के अलावा एक जिगाना और एक स्टार जैसी अत्याधुनिक पिस्टल भी दीपक के कब्जे से बरामद की गई है।
हाईप्रोफाइल हत्याकांड की साजिश
स्पेशल सेल के मुताबिक साजिश जाहिर तौर पर बड़ी थी। ड्रोन के जरिये पाकिस्तान से हैंड ग्रेनेड और हथियारों की खेप लॉरेंस बिश्नोई गैंग तक पहुंची थी, जिसका इस्तेमाल एक बड़े हाईप्रोफाइल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए किया जाना था। दीपक से स्पेशल सेल यह पता लगाने में लगी है कि आखिर हैंड ग्रेनेड दीपक तक कैसे पहुंचे और कब किस रूट्स के जरिये ये सप्लाई हुए।
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