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Hindi News क्राइम ऐसे चोर के बारे में जानकर दिमाग बन जाएगा घनचक्कर, SHO से ठगी के लिए बन गया जज

ऐसे चोर के बारे में जानकर दिमाग बन जाएगा घनचक्कर, SHO से ठगी के लिए बन गया जज

Man Posing as Judge threatened SHO: आपने चोरी और ठगी की कहानी तो बहुत से सुनी होगी, लेकिन हम आपको ऐसी गाथा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर दिमाग घनचक्कर बन जाएगा। यहां चोर इतना हिम्मती था कि उसने सीधे पुलिस से रंगदारी मांगने की ठान ली। वह भी सिपाही या निरीक्षण से नहीं, बल्कि सीधे थानाध्यक्ष (SHO) से।

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में नकली जज- India TV Hindi Image Source : FILE दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में नकली जज

Man Posing as Judge threatened SHO: आपने चोरी और ठगी की कहानी तो बहुत से सुनी होगी, लेकिन हम आपको ऐसी गाथा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर दिमाग घनचक्कर बन जाएगा। यहां चोर इतना हिम्मती था कि उसने सीधे पुलिस से रंगदारी मांगने की ठान ली। वह भी सिपाही या निरीक्षण से नहीं, बल्कि सीधे थानाध्यक्ष (SHO) से। ठग का जिगर देखिये कि वह सीधे ही एसएचओ को ठगने थाने पहुंच गया। ठग ने एसएचओ को अपना परिचय हाईकोर्ट के जज के तौर पर दिया। इससे एसएचओ का दिमाग भी चकरा गया। मगर अब जब मामले का खुलासा हुआ तो सभी के होश उड़ गए। जज बना ठग शातिर चोर निकला। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मगर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि शनिवार को उसने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो हाईकोर्ट का जज बनकर समयपुर बादली पुलिस थाने के पुलिस अधिकारियों से 5 लाख रुपये की रंगदारी मांगने की कोशिश कर रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान नरेंद्र कुमार अग्रवाल के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि 16 दिसंबर को एसीपी अनुराग द्विवेदी के आधिकारिक मोबाइल नंबर पर एक व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसमें व्यक्ति ने स्वयं को दिल्ली हाईकोर्ट का जज होने का दावा किया।

कथित जज ने एसएचओ को भेजा यह मैसेज
नकली जज ने एसएचओ को मैसेज में लिखा हाय, जस्टिस (नाम नहीं बताया) सिटिंग जज दिल्ली हाई कोर्ट, मुझे तत्काल कॉल करो। जब पुलिस ने इस नंबर पर दोबारा फोन किया तो आरोपी ने उन्हें बताया कि वह एक रिट याचिका के सिलसिले में समयपुर बादली पुलिस थाने का दौरा करेंगे। एसीपी ने यह संदेश एसएचओ समयपुर बादली संजय कुमार को दिया। जब एसएचओ अपने दफ्तर में थे तब आरोपी खुद को जज बताकर वहां पहुंच गया और बताया कि वह थाना क्षेत्र के संगठित अपराध के संबंध में दायर एक रिट याचिका के व्यक्तिगत सत्यापन के सिलसिले में वहां आए थे।

याचिका खारिज करने के नाम पर मांगे 5 लाख
आधिकारी ने बताया कि ठग ने कहा कि 15 दिसंबर को उसने गश्त के दौरान तैनात हेड कांस्टेबल पवन के साथ मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद आरोपी ने एसएचओ समयपुर बादली से रिट याचिका को खारिज करने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की। इस पर पुलिस को शक हुआ। क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट से किसी भी जज के पुलिस स्टेशन समयपुर बादली आने के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। एसएचओ ने खुद को जज बताने वाले शख्स का वेरिफिकेशन किया तो उसका नाम और पता का खुलासा हुआ।

कई अन्य सरकारी लोगों को दे चुका था धमकी
पुलिस ने नरेंद्र कुमार अग्रवाल का मोबाइल फोन लिया और उसकी जांच की। वे यह देखकर चौंक गए कि उसने सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों को धमकी दी थी। इसी बीच हेड कांस्टेबल पवन भी पहुंच गया और आरोपी की शिनाख्त कर ली। पुलिस ने कहा कि आरोपी नरेंद्र कुमार अग्रवाल अपना काम कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के नाम से दिल्ली पुलिस के अधिकारी को कॉल और मैसेज करता था। इसके बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा। मगर इस घटना के बारे में जानकर हर कोई हैरान है।

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