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Hindi News क्राइम आयकर विभाग ने मोबाइल एप के जरिए शार्ट टर्म लोन देने वाली विदेशी कंपनी पर छापेमारी की

आयकर विभाग ने मोबाइल एप के जरिए शार्ट टर्म लोन देने वाली विदेशी कंपनी पर छापेमारी की

आयकर विभाग को जांच के दौरान पता चला कि फिनटेक कंपनी जिसका संचालन केमैन आइलैंड से किया जा रहा है, जरूरतमंद लोगों को शार्ट पीरियड इंस्टेंट लोन मुहैया करवाती है।

आयकर विभाग ने मोबाइल एप के जरिए शार्ट टर्म लोन देने वाली विदेशी कंपनी पर छापेमारी की- India TV Hindi Image Source : INCOME TAX DEPARTMENT आयकर विभाग ने मोबाइल एप के जरिए शार्ट टर्म लोन देने वाली विदेशी कंपनी पर छापेमारी की

Highlights

  • मोबाइल एप्पलीकेशन के जरिये लोन मुहैया करवाने वाली कंपनी 'फिनटेक' के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई।
  • प्रबंधन अधिकारियों के निवास और कार्यालयों पर एक साथ रेड।
  • कई अहम दस्तावेज और बैंक एकाउंट की डिटेल्स इकठ्ठा की गई।

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने मोबाइल एप्पलीकेशन के जरिये लोन मुहैया करवाने वाली कंपनी 'फिनटेक' के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी के दिल्ली और गुरुग्राम स्तिथ ठिकानों पर छापेमारी की गई है। प्रवक्ता सुरभि आलुवालिया के मुताबिक, बुधवार सुबह आयकर की कई टीमों ने एक साथ फिनटेक कंपनी से जुड़े प्रबंधन अधिकारियों के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित निवास और कार्यालयों पर एक साथ रेड की। जहां मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और बैंक एकाउंट की डिटेल्स इकठ्ठा की गई हैं।

आयकर विभाग को जांच के दौरान पता चला कि फिनटेक कंपनी जिसका संचालन केमैन आइलैंड से किया जा रहा है, जरूरतमंद लोगों को शार्ट पीरियड इंस्टेंट लोन मुहैया करवाती है। लोन के लिए जो प्रॉसेसिंग फीस वसूली जाती है वो तो काफी ज्यादा थी ही, जोकि ग्राहकों के लिए अतिरिक्त भार से कम नहीं थी। 

आयकर विभाग के मुताबिक, ये कंपनी FDI के तहत बेहद कम पूंजी के साथ हिंदुस्तान के शुरू की थी जिसके बाद कंपनी ने भारतीय बैंको से लोन भी लिया। जांच में पता चला कि मोबाइल एप पर लोन देने वाली इस कंपनी ने पैसे को गलत तरीके से संचालन कर एक साल में 10 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखाया। करीब 500 करोड़ रुपये FDI नियमों का उलंघन कर अपनी विदेशी कंपनियों में स्थानांतरित किये। ये पैसा इस कंपनी ने अपनी विदेशी कंपनियों से 2 सालों में ली गयी सेवाओं के भुगतान के रूप में दिखाया है।

आयकर विभाग की जांच में ये भी साफ हो गया कि फिनटेक कंपनी की लोन एप्लीकेशन को विदेश से ऑपरेट किया जाता था। साथ ही, लोन लेने वाले लोगों को ब्याज के चक्र में फंसाकर उनसे मूल रकम से कई गुना वसूली जाती थी। आयकर विभाग ने न सिर्फ रेड के दौरान केस से जुड़े कागजात बरामद किए बल्कि कंपनी के अधिकारियों जिनमें कुछ विदेशी भी शामिल हैं, उनके बयान भी दर्ज किए हैं।

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