मेदिनीनगर: झारखंड के पलामू जिले में बिन ब्याही मां बनी 23 वर्षीया एक स्नातकोत्तर युवती ने अपने हक के लिए जिला पुलिस से इंसाफ की गुहार की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह मामला पाण्डु थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही एक छात्रा एक युवक के प्रेम जाल में फंस कर डेढ़ वर्ष पूर्व मां बन गई और अब युवक उसे अपनाने से इनकार कर रहा है। गुरुवार को आरोपी युवक मिथिलेश कुमार के चाचा भगतु पाल, उसकी पत्नी ललिता देवी और उनके बेटे अमृत पाल ने युवती के घर पहुंचकर उसके साथ मारपीट की और कथित तौर पर जान से मारने की कोशिश की।
पुलिस का दावा है कि वह मामले की जांच कर रही है। युवती के परिजनों ने बताया कि इससे पूर्व इस घटना की सूचना देने पाण्डु थाना पहुंची पीड़िता को पुलिस ने डांट कर भगा दिया था, तब विवश होकर उसने जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में विश्रामपुर अनुमंडल पुलिस अधिकारी सुरजीत कुमार को लिखित शिकायत की जिसके आधार पर उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश पाण्डु के थानेदार को दिया है। फिलहाल पीड़िता मेदिनीनगर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय नेता राजीव कुमार के आवास पर रहकर इंसाफ की बाट जोह रही है।
युवती के अनुसार ट्यूशन पढ़ने के दौरान उसका अपनी सहेली के चचेरे भाई मिथिलेश कुमार से प्रेम हुआ और उससे शारीरिक संबंध भी बने, जिससे पैदा हुआ उसका अपना डेढ़ साल का एक बच्चा है। उसने बताया कि उसका प्रेम प्रसंग 2017 से शुरू हुआ और अक्तूबर 2019 को बगैर शादी के वह मां बन गई। प्रारंभ में मिथिलेश शादी के लिए तैयार था, मगर जैसे ही वन विभाग में उसकी नौकरी लगी, वह शादी से मुकर गया। इस मामले में महिला थाना में मिथिलेश के विरुद्ध शिकायत दर्ज हुई और वह 6 माह जेल में था।
युवती से मुताबिक, बाद में सुलह होने पर इस शर्त पर वह जेल से निकला कि वह युवती को अपना लेगा, मगर जेल से बाहर आते ही एक बार फिर वह शादी करने से मुकर गया। अनुमंडल पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच पुलिस गंभीरता से कर रही है और शीघ्र ही दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। (भाषा)
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