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Hindi News क्राइम अंगुलियों के निशान का क्लोन बनाकर साफ कर देते थे बैंक अकाउंट, 11 गिरफ्तार

अंगुलियों के निशान का क्लोन बनाकर साफ कर देते थे बैंक अकाउंट, 11 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है।

Online Money Fraud, Online Money Fraud Gorakhpur, Online Money Fraud UP- India TV Hindi Image Source : TWITTER उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है।

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। गोरखपुर के एक बड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह लोगों की उंगलियों के निशान का क्लोन बनाकर बैंक खातों से पैसे निकालते थे। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने बताया कि वे लोग नेपाल और दिल्ली के लोगों को खाता खोलने के लिए पैसे देते थे और बाद में धोखाधड़ी करके उनका अकाउंट साफ कर दिया करते थे।

आरोपियों के पास से बरामद हुईं कई चीजें
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह के 11 सदस्यों को हरिओम नगर तिराहा और जिला पंचायत के पास से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 9 लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से एक कार, एक बाइक, फिंगर प्रिंट क्लोन, फिंगरप्रिंट स्कैनर, फिंगरप्रिंट क्लोन बनाने की मशीन, 53 सिम कार्ड, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज बरामद किए। गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।


लोगों के खाते से यूं ट्रांसफर करते थे पैसा
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान गोरखपुर के दाउदपुर निवासी राघवेंद्र मिश्रा, चिलुआताल निवासी सोनू कुमार पासवान, सहजनवा निवासी मुकेश कुमार एवं विकास उर्फ विक्की के अलावा सैयद जावेद अली, शशांक पांडे, पोखरा निवासी दीपेंद्र थापा, सागर जायसवाल, राहुल राणा, अमित कनौजिया और आशीष पाठक के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे लोग नेपाल और दिल्ली के लोगों को खाता खोलने के लिए पैसे देते थे और उनके बैंक पासबुक, ATM कार्ड, नेट बैंकिंग यूज्ड आईडी पासवर्ड और वीडियो केवाईसी की जानकारी हासिल कर बाद में धोखाधड़ी कर पैसे ट्रांसफर कर देते थे।

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