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Hindi News क्राइम नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 76 आरोपी गिरफ्तार, ठगी का तरीका कर देगा हैरान

नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 76 आरोपी गिरफ्तार, ठगी का तरीका कर देगा हैरान

पुलिस ने कुल 76 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से अधिकतर की उम्र 20 से 30 साल के बीच है। 58 लैपटॉप और 45 हेडफोन भी बरामद किए गए हैं। आरोपियों में नौ महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से छह महिलाएं नागालैंड की हैं और सभी की उम्र 19 साल है।

Fake Call Centre- India TV Hindi Image Source : INDIA TV फर्जी कॉल सेंटर से पकड़े गए लोग

नोएडा सेक्टर-63 पुलिस और साइबर रेस्पॉन्स टीम ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो इंस्टा सॉल्यूशन नाम से चल रहा था। इस कॉल सेंटर के लोग विदेशी नागरिकों को ठगने के लिए अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और लोन प्रोसेसिंग सेवाओं के प्रतिनिधि बनकर धोखाधड़ी करते थे। इस छापेमारी में कुल 76 लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें 67 पुरुष और नौ महिलाएं शामिल हैं। आरोपी अमेजन पार्सल, टेक्स सपोर्ट एवं पे-डे लोन प्रक्रिया के नाम पर फर्जी मैसेज लिंक एवं कॉल के माध्यम से लाखों रूपये की ठगी करते थे। आरोपियों के पास से 58 लैपटॉप, एक एप्पल मैक बुक, 45 लैपटॉप चार्जर, दो राउटर, 45 हेडफोन, 24 मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किया गया है।

पुलिस और सीआरटी टीम नोएडा ने लोकल इंटेलीजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। मुख्य आरोपी कुरूनाल रे, सादिक, सौरभ राजपूत पूर्व में भी उक्त प्रकार की ठगी करने के कारण गुजरात पुलिस द्वारा जेल भेजे जा चुके है, जिनके आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में गुजरात पुलिस से जानकारी की जा रही है। 

Image Source : India TVपकड़े गए राउटर

ठगी का पहला तरीका

आरोपियों ने पूछताछ में बताया "हम लोग साथ मिलकर विदेशों में बैठे लोगों को अमेजन सपोर्ट, माईक्रोसाफ्ट, टेक सपोर्ट एवं पे-डे के नाम पर ठगी करते हैं। इस कॉल सेन्टर को कुरूनाल रे, सौरभ, सादिक, साजिद अली मिलकर चला रहे थे। हम लोग स्काईप एप्प के माध्यम से ग्राहकों का व्यक्तिगत डाटा खरीदते थे, जिसका पेमेंट यूएसडीटी में यूएस के लोगों को करते थे, जो डिजिटल करेंसी में होता है। उसके बाद यूएस में जिन लोगों के कम्प्यूटरों में सीएक्स भेजा जाता है, उनके कम्प्यूटर की स्क्रीन नीले रंग की हो जाती है और एक नम्बर स्क्रीन पर दिखाई देता है, जिस नम्बर पर पीड़ित कॉल करता है। वह कॉल हमारे सिस्टम पर आता है। हमारे लोग उस काल को रिसीव करते है और अपने आप को माईक्रोसाफ्ट का अधिकारी बताकर उनकी समस्या का समाधान करने के लिए 99 डालर या इससे अधिक का पेमेंट मांगते हैं, जब पैसे मिल जाते हैं तो पीड़ित को एक कमांड बताते हैं, जिससे उसका कम्प्यूटर ठीक हो जाता है।"

Image Source : India TVफर्जी कॉल सेंटर से बरामद लैपटॉप

ठगी का दूसरा तरीका

आरोपियों ने बताया "लोन प्रोसेस में हम स्काईप एप्प से डाटा लेते है, जिसमें यूएस के नागरिकों की जानकारी होती है और उनका किसी ना किसी साईट पर लोन का आवेदन होता है, जिसका फायदा उठाकर हम फोन से लोन के बारे में मैसेज करते हैं। मैसेज में नाम और मोबाईल नं. आवश्यकतानुसार चेंज करते है। जिस व्यक्ति को लोन की जरूरत होती है वह या तो हमें यस का मैसेज भेजता है या हमारे द्वारा दिये गये नम्बर पर काल करता है। फिर हम उससे लोन दिलाने के लिए 100-500$(डॉलर) की मांग करते है। अगर उसके पास पैसा होता है तो हम उससे एप्पल ई-बे, वालमार्ट गिफ्टकार्ड के जरिए पेमेंट ले लेते हैं। यदि उसके पास पैसा नहीं होता तो उसको हम फर्जी चेक भेजते हैं और वह व्यक्ति उस चेक का फोटो लेकर अपने अकाउंट में लगा देता है। यदि बैंक उसको पैसा पे करता है तो पेमेन्ट उसके अकाउंट में आ जाता है। जिस पैसे को हम गिफ्ट कार्ड के माध्यम से ले लेते हैं। अगर बैंक उस चेक को पकड़ लेता है तो उसका बैंक अकाउंट फ्रीज हो जाता है।"

Image Source : India TVकॉल सेंटर से बरामद हेडफोन

ठगी का तीसरा तरीका

पकड़े गए लोगों ने बताया "अमेजन प्रोसेस में भी हम लोग स्काईप के जरिए डाटा हासिल करते हैं और विदेशी ग्राहकों को एक वॉयस नोट भेजते है, जिसमें ग्राहकों को बताया जाता है कि आपका पार्सल रेडी टू डिलीवर है। यदि आपके द्वारा उक्त पार्सल नही मंगाया गया है तो आपका अकाउंट चोरी हो गया है। ऐसे में ग्राहक डर जाता है। फिर हम ग्राहक से उसका नया अमेजन अकाउंट बनाने के नाम पर डॉलर की मांग कर लेते हैं। हम सभी लोग अपने अपने लैपटाप/मोबाईलों पर बदल बदल कर काम करते हैं। हम लोग अधिकतर विदेशी नागरिकों को अपना शिकार बनाते थे ताकि कोई हमारे ऑफिस आकर शिकायत न कर सके।

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