कहते हैं अपराध के रास्ते पर चलने वालों की आखिरी मंजिल हमेशा जेल ही होती है। दिल्ली के सुखदेव सिंह के साथ भी यही हुआ। एक आदमी जो विधायक बनना चाहता था आज वह रेलवे जॉब रैकेट मामले में जेल की हवा खा रहा है। शॉर्टकट से पैसे कमाने के चक्कर में इन लोगों ने अपने साथ-साथ ना जाने कितने ही युवाओं का जीवन खराब किया है दरअसल, दिल्ली पुलिस की रेलवे यूनिट ने रेलवे जॉब रैकेट मामले में मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार एक आरोपी दिल्ली के सीलमपुर से संभावना पार्टी से दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है।
रेलवे नौकरी रैकेट का गैंग चला रहे थे
पुलिस को इनके पास से दो लग्जरी कारें और कुछ डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस ने 31 अगस्त को ट्रेनी टिकट परीक्षक के रूप में 5 व्यक्तियों के समूह को गिरफ्तार किया था जो रेलवे नौकरी रैकेट का गैंग चला रहे थे। इसी मामले में काम करते हुए पुलिस ने इस गैंग के मास्टरमाइंड समेत 4 लोगो को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद रिजवान और अमनदीप सिंह को पकड़ कर उन्हें रिमांड पर रखा था, ताकि मास्टरमाइंड की पहचान हो सके और उसे पकड़ा जा सके।
मास्टरमाइंड था सुखदेव सिंह
पुलिस ने मुख्य मास्टरमाइंड के रूप में सुखदेव सिंह और संदीप सिदाना के नामों का खुलासा किया है। सुखदेव सिंह को सम्राट होटल, जीटी रोड, मॉडल टाउन, गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है। वह यहां पर कई दिनों से छुप कर रह रहा था। उसके पास से एक मर्सिडीज कार बरामद की गई है। वही उसके दूसरे साथी संदीप से दाना को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है उसके पास एक बीएमडब्ल्यू कार बरामद हुई है। इनके साथ साथ दीपक और राहुल को भी गिरफ्तार किया गया है।
विधानसभा का चुनाव लड़ चुका है सुखदेव सिंह
दीपक डीआरएम कार्यालय नई दिल्ली में एक संविदा पंप ऑपरेटर के रूप में काम करता है जबकि राहुल के मामा रेलवे अस्पताल चेम्सफोर्ड रोड नई दिल्ली में एंबुलेंस चालक हैं। खास बात यह है कि सुखदेव सिंह न्यू सीलमपुर क्षेत्र में छोटे कार डीलर के रूप में काम करता था। वह साल 2020 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है और हार गया था। उसने उधार के बहुत सारे पैसे ले रखे थे जिसके बाद वह इस धंधे में उतर आया।
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