केस की जांच के लिए एक शख्स को पुलिस ले गई थी...फिर रेल की पटरियों पर मिला उसका शव
दिल्ली के 48 वर्षीय शख्स का शव ओल्ड फरीदाबाद स्टेशन की पटरियों से मिला है। उनके परिवार के सदस्यों का आरोप है कि पुलिसकर्मी एक मामले की जांच के सिलसिले में उन्हें थाने गए थे और इसके बाद से वह लापता हो गए।
नई दिल्ली: दिल्ली के 48 वर्षीय शख्स का शव ओल्ड फरीदाबाद स्टेशन की पटरियों से मिला है। उनके परिवार के सदस्यों का आरोप है कि पुलिसकर्मी एक मामले की जांच के सिलसिले में उन्हें थाने गए थे और इसके बाद से वह लापता हो गए। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान योगेश गुप्ता के तौर पर हुई है और घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने बताया कि गुप्ता इस साल फरवरी में अपने खिलाफ दर्ज एक मामले की जांच में शामिल होने के लिए रविवार रात अंबेडकर नगर थाने आए थे। मदनगीर निवासी नीरज पहाड़िया की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि गुप्ता ने उन्हें 12.23 लाख रुपये नहीं लौटाए, जो उन्होंने उनके द्वारा संचालित एक कमेटी में निवेश किए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, गुप्ता कमेटी चला रहे थे और बाद में उन्होंने सदस्यों को बताए बिना इसे बंद कर दिया। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता और गुप्ता मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने और फिर से जांच में शामिल होने पर सहमत हुए थे।
दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि शिकायतकर्ता रविवार को जांच में शामिल हुए थे और गुप्ता को भी थाने बुलाया गया था। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के बाद, गुप्ता रात करीब आठ बजे थाने से रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि रात करीब साढ़े दस बजे गुप्ता के बेटे थाने आए थे और बताया कि उनके पिता घर नहीं पहुंचे हैं जिसके बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारी टीमों ने गुप्ता का पता लगाना शुरू किया और विभिन्न समूहों में उनकी तस्वीरें भी प्रसारित कीं, तो जीआरपी फरीदाबाद से यह पता चला कि गुप्ता ने ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के सामने कूद कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। इसके बारे में मृतक के परिवार के सदस्यों को सूचित कर दिया गया।”
गुप्ता का परिवार और कुछ अन्य लोग भी अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए अंबेडकर नगर थाने के बाहर जमा हो गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर गौर किया जाएगा, जिसके बाद वे चले गए। डीसीपी ने कहा, “ मामले की जांच चल रही है।”
थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए गुप्ता की बेटी ने कहा, "मेरे पिता को पुलिस अधिकारियों ने पीटा था। वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। मेरी मां को कल बताया गया था कि मेरे पिता थाने के अंदर थे। जब वह उनके (पिता के बारे में) जानकारी लेने के लिए थाने गई तो उन्हें बताया गया कि वह करीब दो घंटे पहले परिसर से जा चुके हैं।”
परिवार के मुताबिक, रविवार दोपहर पुलिस कर्मियों ने उन्हें हिरासत में लिया था। उनके बेटे शिवम गुप्ता ने कहा, “मेरे पिता का शव फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर रेल की पटरियों से मिला है। रविवार दोपहर तीन पुलिसकर्मी मेरी दुकान पर आए और मेरे पिता को ले गए। हम दोपहर करीब तीन बजे थाने गए और वहां शाम साढ़े छह बजे तक इंतजार करते रहे, लेकिन उन्होंने (पुलिस ने) हमें मेरे पिता से मिलने नहीं दिया।"
शिवम गुप्ता ने कहा, "उन्होंने (पुलिस ने) हमें घर जाने को बोला और कहा कि मेरे पिता जल्द ही घर लौट आएंगे। लेकिन जब वह नहीं लौटे तो मैं फिर उनके बारे में पूछने के लिए थाने गया और बाद में बताया गया कि मेरे पिता की मौत रेल की पटरियों पर हो गई है।” गुप्ता के परिवार ने शिकायतकर्ता पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया और दावा किया कि पुलिस अक्सर गुप्ता को पूछताछ के लिए ले जाती थी।