नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 5 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके ऊपर आरोप है कि इन्होंने भारत सरकार की फर्जी वेबसाइट बनाकर करीब 27000 लोगों के साथ ठगी की। दरअसल, साइबर सेल को शिकायत मिली थी कि भारत सरकार की सरकारी फर्जी वेबसाइट बनाकर और उसमें नौकरी का लालच देकर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। इसी शिकायत के आधार पर साइबर सेल की टीम ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। शुरुआती जांच में साइबर सेल ने पाया कि जो वेबसाइट बनाई गई थी वह पूरी तरह से फर्जी थी।
‘बिल्कुल असली लगती थी जालसाजों की बनाई वेबसाइट’
डीसीपी साइबर सेल की मानें तो वेबसाइट को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वह देखने में बिल्कुल भारत सरकार की असली वेबसाइट की तरह लगे। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग ठगी के शिकार हुए। वेबसाइट की जांच करते हुए पुलिस को उस अकाउंट नंबर के बारे में पता चला जिसमें लोग नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करते वक्त पैसे जमा कर रहे थे। सबसे पहले उस अकाउंट की डिटेल को खंगाला गया तब साइबर सेल की जांच में सामने आया की हिसार के एक एटीएम से पैसे उसी अकाउंट से निकाले जा रहे हैं।
‘एक महीने में कमा लिए थे एक करोड़ 9 लाख रुपये’
साइबर सेल की टीम ने उस एटीएम के पास ट्रैप लगाया और इस गैंग के एक सदस्य को धर दबोचा। उससे पूछताछ के बाद साइबर सेल की टीम ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत बाकी सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गैंग के मास्टरमाइंड रामधारी ने पूछताछ में बताया कि वह इस गैंग को ऑपरेट कर रहा था। जांच में पुलिस को पता चला कि इन लोगों ने करीब 15 लाख लोगों को नौकरी एसएमएस किया था और करीब 27 हजार लोगों ने फेक वेबसाइट के जरिए पैसे जमा करके रजिस्ट्रेशन करवाया था। 1 महीने के अंदर इस गैंग ने इस रैकेट के जरिए एक करोड़ 9 लाख रुपये कमाए।
‘फर्जीवाड़े के आरोप में 5 गिरफ्तार, एक की तलाश जारी’
डीसीपी साइबर सेल के मुताबिक, गैंग का मास्टरमाइंड रामधारी कंपटीशन एग्जाम के लिए हरियाणा के हिसार में एक सेंटर चलाता था। जो लोग एग्जाम की तैयारी के लिए उसके पास आते थे, उसने ठगी को अंजाम देने के लिए उन्हीं लोगों के डाटा का इस्तेमाल किया। फिलहाल साइबर सेल ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत 5 को गिरफ्तार कर लिया है और एक की तलाश की जा रही है।
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