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Hindi News क्राइम दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया राइस पुलर स्कैम का खुलासा, ISRO सर्टिफाइड बताकर करते थे ठगी

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया राइस पुलर स्कैम का खुलासा, ISRO सर्टिफाइड बताकर करते थे ठगी

गैंग ने दिल्ली के एक व्यापारी को राइस पुलर के नाम पर 11 लाख रुपए का चूना लगाया था।

Delhi Police, Delhi Police Rice Puller Scammers, Rice Puller Scammers, Delhi Police Scammers- India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को 3 लोगों को गिरफ्तार कर राइस पुलर स्कैम का खुलासा किया है।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को 3 लोगों को गिरफ्तार कर राइस पुलर स्कैम का खुलासा किया है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राजकुमार सहगल, ठाकुरदास मोंडल, मुन्ना लाल गिरफ्तार करके क्राइम ब्रांच ने कलकत्ता बेस्ड धोखाधड़ी करने वाले गैंग, जो राइस पुलर स्कैम में लिप्त है, उसका भंडाफोड़ किया है। इस गैंग ने दिल्ली के एक व्यापारी को राइस पुलर के नाम पर 11 लाख रुपए का चूना लगाया था। आरोपियों के बैंक एकाउंट में 6 लाख रुपए सीज कर दिए गए हैं।

DRDO सर्टिफाइज बताते थे
राइस पुलिंग स्कैम में फ्रॉड मार्किटिंग, टेस्टिंग और रेडियोएक्टिव मैटीरियल से बनी राइस पुलर को मैजिकल प्रोपर्टी कहकर व्यापारियों को आकर्षित करते है क्योकि ये इंटरनेशनल मार्किट में बहुत महंगी आती है। इसके लिए साइंस की जरूरत होती है, ये चीटर्स दावा किया करते थे कि ये डिवाइस डीआरडीओ, इसरो से सर्टिफाइड है। इनके पास से बड़ी संख्या में नेशनल, इंटरनेशनल फर्जी सर्टिफिकेट, मोबाइल फोन, लैपटॉप बरामद किए गए है।

हुई थी 11 लाख रुपये की ठगी
इस मामले में संजय गुप्ता नाम के एक व्यापारी ने केस दर्ज कराया था जिसकी जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल कर रही थी। आरोप था कि मुन्ना लाल नाम के शख्स ने उसके साथ 11 लाख रुपए की धोखाधड़ी रेडियोएक्टिव मैटीरियल के नाम पर की है। इस मैटीरियल को हजारों करोड़ रुपये की कीमत बताकर और इसरो एवं डीआरडीओ से सर्टिफाइड कहकर इस स्कैम को अंजाम दिया गया था।

पुलिस कर रही है पूछताछ
शिकायत मिलने के बाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई और जांच शुरू की गई। सीडीआर और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए हरिंदर, ठाकुरदास मोंडल और मुन्नालाल को गिरफ्तार किया गया। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसरो और डीआरडीओ से सर्टिफाइड मैटीरियल के नाम पर ये कितने लोगों को ठगी का शिकार बना चुके है।

क्या होता है ‘राइस पुलर’?
असल मे राइस पुलर एक नॉन एकसिस्टेंट ऑब्जेक्ट होता है लेकिन चीटर्स एक कॉपर प्लेट लेकर उसे लिक्विड मैग्नेट से कोट करके इसमें बोईल्ड राइस और छोटे आयरन के तार रखकर लोगो का बेवकूफ बनाकर उन्हें ठगी का शिकार बनाते है। इससे पहले भी साल 2018 में क्राइम ब्रांच ने एक ऐसा केस वर्क आउट किया था जिसमे मंगल ग्रह पर जाने वाली ड्रेस के नाम पर धोखाधड़ी की गई थी।

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