Delhi Crime News: पिछले साल पुलिस सेवा से बर्खास्त किए गए 28 साल के एक शख्स को कथित तौर पर मनी ट्रांसफर के बहाने साइबर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी रोहित दलाल पीड़ितों का भरोसा हासिल करने और उन्हें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहनता था। पुलिस उपायुक्त (उत्तर जिला) सागर सिंह कलसी ने कहा कि पुलिस को मिली एक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स ने धोखाधड़ी की है।
‘यूपीआई अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाए और कैश नहीं दिया’
कलसी ने बताया कि शिकायत में लिखा था कि व्यक्ति दिल्ली के मजनू का टीला में शिकायतकर्ता के साइबर कैफे में आया और उससे कैश के बदले एक यूपीआई खाते में 16,000 रुपये ट्रांसफर करने की गुजारिश की। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 16 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए लेकिन रोहित दलाल पैसे दिए बिना ही दुकान से चला गया। इस मामले में पुलिस ने IPC की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान, दुकान के CCTV फुटेज और UPI अकाउंट की डीटेल की जांच करने पर आरोपी की पहचान रोहित दलाल के रूप में हुई।
‘ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी की लत ने बर्बाद कर दिया’
पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि 2021 में इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में शामिल होने के चलते उसे दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था। DCP ने बताया कि आरोपी को पुलिस की एक टीम ने 29 जुलाई को हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान रोहित ने खुलासा किया कि वह ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी का आदी हो गया था और इससे उसकी जिंदगी में काफी परेशानियां आ गईं। उसने कहा कि वह 2016 में दिल्ली पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल भर्ती हुआ था और अपनी तैनाती के दौरान ही वह एक सट्टेबाजी ऐप के चक्कर में पड़ गया।
‘तनख्वाह के पैसे से सट्टेबाजी करने लगा था आरोपी’
DCP ने बताया कि आरोपी के मुताबिक, शुरुआत में वह छोटी-मोटी रकम पर दांव लगाता था लेकिन धीरे-धीरे उसे ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने फिर बड़ी रकम दांव पर लगाना शुरु कर दिया और बाद में हालात ऐसे हो गए कि वह अपनी पूरी तनख्वाह भी सट्टेबाजी में खर्च करने लगा। कुछ दिनों बाद उसने बचत के पैसे भी सट्टेबाजी में उड़ा दिए और आर्थिक तंगी दिखाकर दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लिया। पुलिस ने कहा कि कर्ज चुकाने में नाकाम रहने के चलते उसने साइबर धोकाधड़ी का रास्ता अपनाया और पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को ठगने लगा।
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