नयी दिल्ली: दिल्ली छावनी इलाके में एक श्मशान घाट में अगस्त में 9 वर्षीय दलित बच्ची की कथित रूप से रेप के बाद हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दावा किया है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में चारों आरोपियों और बच्ची के जले हुए कपड़े के टुकड़े पर वीर्य की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है। यह चार्जशीट 27 अक्टूबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार की अदालत में दाखिल की है। चार्जशीठ में दावा किया गया है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में चारों आरोपियों के कपड़ों या उस चादर पर पीड़िता के खून के निशानों की पुष्टि अबतक नहीं हुई है जिसपर कथित अपराध हुआ था।
‘कमरे से जब्त चादर से भी वीर्य का पता नहीं चला’
पुलिस ने मामले में दक्षिण-पश्चिम जिले के श्मशान घाट के 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम और उसके कर्मचारियों कुलदीप सिंह, सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट के साथ दाखिल की गई फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि श्मशान में आरोपी के कमरे से जब्त की गई चादर से भी वीर्य का पता नहीं चला है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि सिंह का खून उसके शॉर्ट्स और रूमाल से मिला है। इसमें कहा गया है कि एक अगस्त को श्मशान घाट के शव प्रविष्टि रजिस्टर में दर्ज की गई प्रविष्टि आरोपी राधेश्याम के हस्ताक्षर से मेल खाती है। उसमें दावा किया गया है, ‘यह स्पष्ट है कि रजिस्टर में प्रविष्टियां आरोपी श्याम ने दर्ज की थी।’
मां के बयान पर चारों आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
पुलिस ने पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 304 (गैर इरादतन हत्या), 376डी (गैंगरेप), 342 (गलत तरीके से कैद करना), 506 (धमकी देना), 201 (सबूत नष्ट करना) और 34 (सामान्य मंशा) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की धारा 3 और 6 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून के तहत चार्जशीट दायर की थी। दिल्ली पुलिस ने बच्ची की मां के बयान के आधार पर चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उनका आरोप था कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई और फिर एक अगस्त को परिवार की सहमति के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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