कोरोना की दवा Remdesivir की कर रहे थे ब्लैक मार्केटिंग, 7 लोग गिरफ्तार
मुंबई में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कल रात रेमेडिसवियर की कालाबाजारी में शामिल एक रैकेट का भंडाफोड़ कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई। मुंबई में अधिक कीमत पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने के आरोप में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से रेमेडिसवियर की 13 शीशियां बरामद की गई हैं। बता दें कि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में मददगार साबित होने वाली रेमडेसिवीर की महाराष्ट्र में कालाबाजारी तेजी से हो रही है। यह दवाई कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होती है।पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि आरोपी यह इंजेक्शन 30,000 रुपए में बेच रहे थे जबकि इसकी अधिकतम खुदरा कीमत 5400 रुपये है। उन्होंने बताया कि खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) तथा अपराध शाखा के अधिकारियों ने शनिवार को शहर के दो स्थानों पर छापे मारे और रेमडेसिवीर दवाई बरामद की। अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया, 'सूचना के आधार पर, एफडीए के एक अधिकारी ने इंजेक्शन खरीदने के लिए शनिवार को फोन पर एक व्यक्ति से संपर्क किया। दवा लेने के लिए एक व्यक्ति को ग्राहक के रूप में उपनगर मुलुंद भेजा गया। इंजेक्शन देने आए दो व्यक्तियों को मौके से ही हिरासत में ले लिया गया।'
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान विकास दुबे और राहुल गाडा के रूप में हुयी है। उन्होंने बताया कि इन आरोपियों से हुयी पूछताछ के आधार पर उपनगर घाटकोपर में स्थित विनिर्माण इकाई डेल्फा फार्मास्यूटिकल्स से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि उनकी पहचान भवेश शाह, आशीष कनौजिया, रितेश थोम्बरे, गुरविदंर सिंह और सुधीर पुजारी के रूप में हुयी है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि इससे पहले ब्लैक मार्केटिंग और ओवर प्राइसिंग को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कोविड-19 दवा की कालाबाजारी और बिक्री को रोकने के लिए उपाय करने को कहा है। महाराष्ट्र में मुंबई शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा है। फिलहाल कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है। ऐसे में रेमडेसिवीर दवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए मरीजों की दी जा रही है। एंटी-वायरल दवा के चलते इस दवा की सबसे ज्यादा मांग देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर भी रेमडेसिवीर दवा की कालाबाजारी को लेकर कई पोस्ट भी देखने को मिल रहे हैं।