नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने रविवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) अध्यक्ष अनिल कुमार के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया और उन्हें पूर्वी दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि शनिवार को उन्हें सूचना मिली थी कि कुमार उत्तर प्रदेश सीमा के नजदीक गाजीपुर गए थे और प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित उनके पैतृक गांवों तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने का भरोसा दिया था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद रविवार को प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश सीमा पर एकत्र होने लगे। दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (पूर्व) जसमीत सिंह ने बताया, ‘‘ कुमार के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा-188 (सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना) के तहत गाजीपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक चेतावनी दिए जाने के बावजूद कुमार ने प्रवासी कामगारों को आनंद विहार और गाजीपुर सीमा पर पहुंचने की सुविधा देने की कोशिश की।
हालांकि, पुलिस की टीम रविवार को पूर्वी दिल्ली स्थित कुमार के घर भी गई थी और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने का निर्देश दिया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रवासी मजूदरों की आवाजाही के लिए एक व्यवस्था है। कुमार ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कामगारों को भ्रमित कर उत्तरप्रदेश सीमा पर लाकर अनावश्यक रूप से अफरातफरी का माहौल पैदा किया। इससे इलाके में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई।’’
उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को समझा-बुझाकर आश्रय गृह लेकर जाया गया। वहीं जिनका घर नजदीक था उन्हें दिल्ली परिवहन निगम की बसों से छोड़ा गया। कुमार ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस बदले की कार्रवाई कर रही और उसका मकसद उन्हें गरीबों की मदद करने से रोकना है।
कुमार ने कहा, ‘‘ क्या लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन करते हुए गरीब मजदूरों की सेवा करना अपराध है? अगर मानवता की सेवा करना अपराध है तो मैं इसके लिए जेल जाने को तैयार हूं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अपने नेता राहुल गांधी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए गरीब और जरूरतमंदों को खाना और अन्य मदद पहुंचाना जारी रखेंगे।
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