CBI Arrests Charchit Mishra: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी को कथित तौर पर 25 लाख रुपये की रिश्वत देने के मामले में जाने-माने उद्योगपति और उड़ीसा स्टीवडोर्स लिमिटेड (OSL) के एमडी महिमानंद मिश्रा के बेटे चर्चित मिश्रा को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने शिशिर कुमार दास नामक एक बिल्डर को भी गिरफ्तार किया है, जिसे मामले के मुख्य आरोपी पोर्ट ट्रस्ट के चीफ मैकेनिकल इंजीनियर सरोज कुमार दास द्वारा खरीदी गई संपत्ति के लिए रिश्वत के पैसे से अग्रिम भुगतान किया गया था। दास को सीबीआई ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
घूस के रूप में 60 लाख रुपये की मांग की थी
अधिकारियों ने बताया कि पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के चीफ मैकेनिकल इंजीनियर सरोज कुमार दास ने अपने सहयोगी सुमंत राउत के जरिए कंपनी से घूस के तौर पर 60 लाख रुपये की मांग की थी। OSL भारत में कार्गो हैंडलिंग के क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जो नौवहन, खनन, लॉजिस्टिक और इंपोर्ट के क्षेत्र में भी व्यवसाय में शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, कंपनी के सामान को बंदरगाह पर उतारने के दौरान एक ‘कन्वेयर बेल्ट’ (बंदरगाह पर सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस्तेमाल होने वाली बेल्ट) क्षतिग्रस्त हो गई थी। उन्होंने कहा कि दास ने कन्वेयर बेल्ट के मरम्मत के खर्च के भुगतान से छूट देने के बदले रिश्वत मांगी थी।
पारादीप में कार्गो हैंडलिंग पर OSL का एकाधिकार
अधिकारियों ने बताया कि माना जाता है कि OSL का भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक पारादीप पर सामान (कार्गो) लादने या खाली करने के कारोबार में एकाधिकार है। अधिकारियों ने बताया कि CBI ने चर्चित मिश्रा को हिरासत में लेने से पहले मामले के सिलसिले में शुक्रवार को भुवनेश्वर स्थित अपने कार्यालय में महिमाानंद मिश्रा और उनके दूसरे बेटे चंचल मिश्रा से भी पूछताछ की। अधिकारियों के मुताबिक, CBI ने इससे पहले राउत, ओएसएल के डीजीएम(DGM) सूर्य नारायण साहू और एक अन्य व्यक्ति शंख शुभ्र मित्रा को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया था।उन्होंने बताया कि इन चारों आरोपियों को विशेष अदालत ने पांच दिन की CBI हिरासत में भेजा था।
तलाशी में 15 स्थानों से 84.5 लाख रुपये हुए बरामद
अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में केसीटी समूह के देबप्रिय मोहंती, ओएसएल के निदेशक चर्चित मिश्रा और ओएसएल को भी आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने 15 स्थानों पर तलाशी के दौरान 84.5 लाख रुपये नकद जब्त किए। CBI की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘यह आरोप था कि पारादीप पोर्ट ट्रस्ट (ओडिशा) के मुख्य यांत्रिक अभियंता(CME) को पोर्ट सर्विस में लगी निजी कंपनियों को अनावश्यक फायदा पहुंचाकर अपने बिचौलिये के जरिए रिश्वत लेने की आदत थी।’’
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