बाल यौन शोषण मामले में सीबीआई ने अलग-अलग शहरों से 7 लोगों को गिरफ्तार किया
चाइल्ड सेक्सुअल मामले में आरोपियों के मोबाइल फोन से अलग-अलग नाम के वाट्सऐप ग्रुप मिले है जिसके जरिए ये ऐसा मैटीरियल शेयर करते थे, और ट्रेड भी करते होंगे जो जांच का विषय है।
Highlights
- आरोपियों के मोबाइल फोन से अलग-अलग नाम के वाट्सऐप ग्रुप मिले।
- मैटीरियल्स ग्रुप्स के अलावा कुछ वेबसाइट्स पर भी शेयर हुए इसकी जांच जारी।
- तीन आरोपियों की तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में सौपा गया।
नई दिल्ली: बाल यौन शोषण मामले में सीबीआई ने अलग-अलग शहरों से 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। तीन आरोपी पुरुषोत्तम झा, रमन गौतम और सत्येंद्र मित्तल नाम के गिरफ्तार आरोपियों को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। इन तीनों के अलावा ओडिसा से सुरेंद्र कुमार नाइक, नोएडा से निशांत जैन, झांसी से जितेंद्र कुमार, तिरुपति से टी मोहन कृष्णा इन सभी को अलग-अलग कोर्ट में पेश किया जाएगा और इनकी कस्टडी ली जाएगी।
- सीबीआई ने 14 राज्यों में 77 से ज्यादा शहरों में रेड की है।
- 50 से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप सीबीआई के रडार पर।
- जांच में 5 हजार से ज्यादा लोगों के नाम आये थे सामने जोकि बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री का सोशल मीडिया पर कर रहे हैं प्रसार।
- गिरफ्तारियों का आंकड़ा शाम तक और बढ़ सकता है।
- अलग-अलग शहरों में करीब 2 दर्जन से ज्यादा लोग हिरासत में।
- बड़ी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स जब्त।
इनसे बरामद टेक्निकल एविडेन्स को डिकोड करके इनके लिंक कहा कहा है ये पता लगाया जाएगा ताकि विदेशों में जिबके नेटवर्क पता लगाएं जा सके। चाइल्ड सेक्सुअल मामले में आरोपियों के मोबाइल फोन से अलग-अलग नाम के वाट्सऐप ग्रुप मिले है जिसके जरिए ये ऐसा मैटीरियल शेयर करते थे, और ट्रेड भी करते होंगे जो जांच का विषय है। वाटसअप ग्रुप जो बनाए हुए थे उनमें से कुछ नाम है।
- फन वीडियो
- ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियो
- एक्स सेक्स वीडियोज
- नॉटी ( naughty video )
- सुपर बॉयज वीडियो।
इस तरह के मामलों में आरोपी इस तरह के मैटीरियल्स को ग्रुप्स के अलावा कुछ वेबसाइट्स पर भी शेयर करते है ऐसे केस में हालांकि ये इस केस में भी किया या नही ये जांच की जाएगी।
- Coflink.com
- pdisklink.com
- Darkweb
- Storage.clowdway services
- Mega.nz
- Dropbox.com
- Imgsrc.ru
- Darkweb के जरिए सेल, शेयरिंग और ट्रेडिंग करने में इस्तेमाल होता था।
सीबीआई ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली से गिरफ्तार तीन आरोपियों रमन गौतम, सतेंद्र मित्तल और पुरषोत्तम झा को पेश किया, जहां से तीनों को तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में सौप दिया गया है। बाकि के आरोपियों को भी अलग-अलग कोर्ट में पेश करके उनकी कस्टडी ली जाएगी ताकि इनके लिंक्स कहा कहा है पता लगाया जा सके।
इंटरपोल के अनुसार, 2017 से 2020 तक भारत में ऑनलाइन बाल यौन शोषण के 24 लाख मामले सामने आए। इनमें से 80 प्रतिशत बच्चे 14 साल से कम उम्र की लड़कियां थीं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मैटीरियल और खरीदार तेजी से बढ़ रहे हैं। एक निष्कर्ष से पता चलता है कि सर्च इंजन यानी इंटरनेट को चाइल्ड पोर्नोग्राफी से रिलेटेड हर दिन 1,16,000 से अधिक सवाल मिलते हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, 50 से अधिक ग्रुप्स हैं जिनमें 5000 से अधिक अपराधी बाल यौन शोषण सामग्री शेयर कर रहे हैं, जिसमें लगभग 100 देशों के विदेशी नागरिक/मोबाइल नंबर शामिल हैं। जो इस प्रकार है पाकिस्तान (36), कनाडा (35), यूएसए (35), बांग्लादेश (31), श्रीलंका (30), नाइजीरिया (28), अजरबैजान (27), यमन (24) और मलेशिया ( 22)। सीबीआई विदेशी नागरिकों से संबंधित आगे की कार्रवाई करने और सीएसईएम सामग्री की उत्पत्ति के बारे में भी विभिन्न विदेशी एजेंसी के साथ कोर्डिनवशन करने की योजना बना रही है। सीबीआई औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से सहयोगी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है।
प्रारंभिक जांच के दौरान, यह देखा गया है कि कुछ व्यक्ति पैसो के लाभ के लिए सीएसईएम सामग्री के व्यापार में शामिल थे। कई स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स/मोबाइल/लैपटॉप आदि की तलाशी के दौरान, यह पता चला कि लोग सोशल मीडिया ग्रुप्स/प्लेटफॉर्मों और तीसरे पक्ष पर लिंक, वीडियो, चित्र, टेक्स्ट, पोस्ट और ऐसी सामग्री की मेजबानी के माध्यम से सीएसईएम का प्रसार कर रहे थे। भंडारण/होस्टिंग प्लेटफॉर्म और ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े अपने बैंक खातों में नियमित आय अर्जित करना। अपराधियों के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का पता लगाने के लिए मनी ट्रेल का पता किया जा रहा है। सीबीआई उनकी भूमिका और दायित्व की जांच करने के लिए प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत सोशल मीडिया वेबसाइटों और होस्टिंग प्लेटफार्मों के साथ मामले को उठाने की भी योजना बना रही है।
रुझान और आगे की राह
- इस ऑपरेशन के दौरान सीबीआई द्वारा एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति देखी गई है कि कई व्यक्तियों ने सीएसईएम सामग्री का व्यापार/बिक्री की है और विभिन्न समूहों/प्लेटफार्मों में लिंक साझा कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों के वॉलेट/बैंक खाते ऐसे प्लेटफॉर्म से जुड़े होते हैं और उनके द्वारा साझा की गई सामग्री द्वारा एकत्र किए गए विचारों के आधार पर भुगतान किया जा रहा है और इस प्रकार उन्हें अधिक से अधिक ऐसे ग्रुप्स में साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे बड़े पैमाने पर प्रसार होता है।
- अपराधियों के बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का पता लगाने के लिए मनी ट्रेल का पालन किया जा रहा है।
- सीबीआई इस मामले को सोशल मीडिया वेबसाइटों और होस्टिंग प्लेटफॉर्म के साथ उठाने की भी योजना बना रही है।
- सीबीआई बाल यौन शोषण की छवियों की तुलना करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाल यौन शोषण डेटाबेस के साथ समन्वय करने की भी योजना बना रही है ताकि इसकी उत्पत्ति का पता लगाया जा सके।
- सीएसईएम सामग्री के बड़े पैमाने पर प्रसार के खिलाफ बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों की भागीदारी और सामूहिक अंतरराष्ट्रीय चिंता को ध्यान में रखते हुए, सीबीआई ने विदेशी नागरिकों से संबंधित आगे की कार्रवाई करने के लिए विभिन्न विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के साथ समन्वय करने की भी योजना बनाई है। CSEM सामग्री की उत्पत्ति के बारे में।
- सीबीआई औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से सहयोगी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है।
- आगे के सुरागों की खोज और विकास जारी है।