Maharashtra News: महाराष्ट्र के नासिक जिले की पुलिस ने सूफी धर्मगुरु और अफगान नागरिक ख्वाजा सैयद जरीफ चिश्ती उर्फ जरीफ बाबा की हत्या में इस्तेमाल की गई कार गुरुवार को बरामद की। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। 38 वर्षीय चिश्ती पिछले 4 सालों से भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे थे और सोशल मीडिया पर इनके बड़ी संख्या में फॉलोवर हैं।
अहमदनगर जिले से बरामद हुई कार
चिश्ती की मंगलवार की शाम मुंबई से लगभग 300 किलोमीटर दूर नासिक जिले के येवला के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि उनकी हत्या संपत्ति से जुड़े विवाद के कारण की गई लगती है, लेकिन नासिक देहात पुलिस कई अन्य एंगल से भी जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को पुलिस की एक टीम ने अपराध में इस्तेमाल की गई कार को अहमदनगर जिले से बरामद की है। आरोपी वाहन को संगमनेर में छोड़कर भाग गए। जबकि अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल अभी बरामद नहीं हो सकी है।
गाड़ी चालक ने मारी थी गोली
पुलिस ने मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रारंभिक जांच में, चिश्ती ने आखिरी बार जिस कार से यात्रा की थी, उनके चालक ने उन्हें गोली मारी थी। अधिकारी ने कहा कि चिश्ती अपनी दूसरी पत्नी के साथ नासिक जिले में रहते थे और जांचकर्ता उससे बात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन लैंग्वेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वह केवल फारसी बोलती है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मदद के लिए उसकी बहन से संपर्क किया है, जो दिल्ली के एक शरणार्थी शिविर में रहती है। चिश्ती सोशल मीडिया पर सक्रिय थे और उनके दो यूट्यूब चैनल थे जिस पर वह उपदेश दिया करते थे।
बता दें, एक मंगलवार को 38 वर्षीय सूफी संत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कहा जा रहा है कि ये सूफी अफगानिस्तान के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक इस घटना को 4 लोगों ने अंजाम दिया था। इनकी हत्या येओला तालुका के चिचोंडी एमआईडीसी इलाके में हुई थी।
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