बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक बेहद ही हैरतअंगेज मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिजनौर के एक व्यवसायी ने 4 महीने से अधिक पहले अपने 42 वर्षीय लापता बेटे की लाश पहचान कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। मामले में ट्विस्ट तब आया जब पता चला कि पुलिस ने उसी बेटे को 3 अन्य लोगों के साथ पिता से 20 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप मे हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यवसायी अशोक अग्रवाल का बेटा पल्लव डिप्रेशन में है और उसे फिलहाल इलाज की जरूरत है।
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने शनिवार को बताया कि धामपुर के व्यापारी अशोक अग्रवाल का 42 वर्षीय बेटा पल्लव इस साल 6 जुलाई को लापता हो गया था। इसके कुछ दिन बाद दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक शव मिला था। अशोक अग्रहवाल ने उसकी पहचान अपने बेटे पल्लव के रूप में की और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। सिंह ने बताया कि 3 दिन पहले पिता को पल्लव का फोन आया और उसने धमकी देते हुए 20 लाख रुपये की मांग की अग्रवाल ने इस बारे में पुलिस को सूचित किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में पल्लव और उसके साथियों, संजीव तोमर, दीपक और शुभम को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पल्लव निराशा में है और इसका फायदा उठाकर संजीव तोमर और उसके दोनों साथियों ने पिता पुत्र के बीच गलतफहमी पैदा कर अभी तक अशोक अग्रवाल से लगभग साढ़े तीन लाख रुपये ऐंठ चुके हैं। उन्होंने बताया कि पल्लव को इलाज की जरूरत है तीनों आरोपी पल्लव को लगभग सवा चार माहीने तक हरिद्वार और इधर-उधर घुमाते रहे। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
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