मुंगेर: अंधविश्वास का अर्थ होता है अंधा विश्वास। ऐसा विश्वास जिसमें लोग अपनी तर्क शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर पाते, उसके सच, झूठ का पता नहीं करते और ऐसे कदम उठा लेते हैं जो उनके पछतावे का कारण बन जाता है। ऐसा हीं एक मामला बिहार से सामने आया है जहां अंधविश्वास में पड़कर एक आठ वर्षीय बच्ची की हत्या कर दी गई। मामला मुंगेर जिला के सफियाबाद थाना क्षेत्र का है। यहां गुरुवार को एक आठ वर्षीय बच्ची का क्षत विक्षत शव बरामद होने के बाद, मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने दावा किया कि अंधविश्वास में बच्ची की हत्या की गई और उसकी आंख निकालकर ताबीज बनाया गया।
पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मुंगेर के पुलिस अधीक्षक जे जे रेड्डी ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि रामनगर के पदम गांव के रहने वाले दिलीप कुमार को पांचवां बच्चा चाहिए था। दिलीप की पत्नी का गर्भपात हो गया था। इस बार दिलीप किसी भी हाल में पत्नी का गर्भपात नहीं चाहता था। उसने अपनी पीड़ा अपने दोस्त दशरथ और तनवीर को बताई। तनवीर ने खगड़िया के मधुरा गांव निवासी और ओझा-गुणी का काम करने वाले परवेज आलम से दिलीप को संपर्क करवाया। परवेज ने गर्भपात से बचने के लिए एक बच्ची की आंख से बनी ताबीज बनाकर पत्नी को पहनाने की सलाह दी।
बुधवार को सफियाबाद सहायक थाना क्षेत्र में एक आठ वर्षीय बच्ची जब गंगा तट से अपने पिता के पास से वापस अपने घर लौट रही थी तभी आरोप है कि दिलीप, दशरथ और तनवीर बच्ची को अपने साथ ले गए और उसकी नृशंस तरीके से हत्या कर उसकी एक आंख निकाल ली और उसे खगड़िया ले गए। आंख को जलाकर उसके राख से ताबिज बनाई गई जिसे दिलीप की पत्नी को पहनाया गया। रेड्डी ने बताया कि इस मामले में ओझा गुणी का काम करने वाले परवेज सहित चार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें कि गुरुवार की सुबह सफियाबाद सहायक थाना क्षेत्र से एक बच्ची का क्षत विक्षत शव गांव के ही पास एक ईंट भट्ठे के समीप सुनसान स्थान पर पेड़ के नीचे से बरामद किया गया था। दायीं आंख निकली हुई थी और बाईं आंख को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। हाथ की अंगूलियों को भी बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था। परिजन दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जता रहे थे, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी।
ये भी पढ़ें
Latest Crime News