गोलाघाट (असम): असम के 2 विधायकों को अवैध तरीके से मछली पकड़ने की कड़ी सजा मिली है। असम के गोलाघाट जिले की एक स्थानीय अदालत ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अवैध तरीके से मछली पकड़ने और वन रेंजरों पर हमला करने के करीब 12 साल पुराने मामले में राज्य के दो पूर्व विधायकों, जितेन गोगोई और कुशल डोवारी, को शनिवार को 2-2 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसका भुगतान नहीं करने पर उन्हें 2 महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।
विधायक रहते हुए दिया था घटना को अंजाम
बता दें कि जब जितेन गोगोई और कुशल डोवारी ने घटना को अंजाम दिया था तब वे निर्दलीय विधायक थे। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कौशिक हजारिका ने 2009 के मामले में पूर्व विधायक जितेन गोगोई और कुशल डोवारी सहित 5 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया। उस समय गोगोई और डोवारी क्रमशः बोकाखत विधानसभा सीट और थौरा विधानसभा से निर्दलीय विधायक थे। इन दोनों विधायकों पर अपने साथियों के साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जबरन घुसने और उद्यान में अवैध तरीके से मछली पकड़ने का आरोप था।
रेंजर के साथ विधायकों ने की थी मारपीट
दोनों विधायक जब मछली पकड़ रहे थे तब तत्कालीन वन रेंजर डंबरूधर बोरो ने उन्हें ऐसा करने से रोका था जिसके चलते दोनों विधायक और उनके साथी बोरो को धमकाने और मारपीट करने लगे थे। बोरो ने बाद में उनके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज कराया था और उन्हें शनिवार को अदालत ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत सजा सुनाई। मामले के सभी 5 दोषी जमानत पर हैं और उन्हें तुरंत जेल नहीं जाना होगा होगा क्योंकि उन्हें दी गई सजा की अवधि 3 साल से कम है।
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