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Hindi News क्राइम लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाली फर्जी कंपनी के 2 अधिकारी देहरादून में गिरफ्तार

लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाली फर्जी कंपनी के 2 अधिकारी देहरादून में गिरफ्तार

उत्तराखंड पुलिस ने कोरोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एक फर्जी कंपनी के 2 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के लोगों ने आवर्ती जमा (RD) और सावधि जमा (FD) के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी।

Fake Company, Fake Company Arrested, Fake Company Dehradun, Fake Company Cheated People- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL उत्तराखंड पुलिस ने कोरोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एक फर्जी कंपनी के 2 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने कोरोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एक फर्जी कंपनी के 2 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के लोगों ने आवर्ती जमा (RD) और सावधि जमा (FD) के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी। पुलिस द्वारा रविवार को गिरफ्तार किए गए लोग इस फर्जी कंपनी के कथित प्रबंध निदेशक और निदेशक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन लोगों ने लगभग 9 हजार अखाउंट्स खोलकर आरडी, एफडी, डेली डिपॉजिट स्कीम और ऋण के नाम पर करोड़ों रुपये इकट्ठा कर लिए थे।

पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में उन्हें एक शिकायत मिली थी। इसके बाद शिकायतकर्ता नरेश चंद्र कुकरेती की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कैलाशी विजन प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कमल भारती और नसीबुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद का रहने वाला भारती बीए पास है। वहीं, उसका सहयोगी और देहरादून के सेलाकुई का रहने वाला नसीबुद्दीन सिर्फ पांचवी पास है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में दोनों में बताया कि 2018 तक वे जनबन्धन निधि नामक कंपनी में एजेंट का काम करते थे।

पूछताछ में दोनों ने आगे बताया कि जनबंधन निधि के संचालक के जेल जाने के बाद उन्होंने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर अपनी कंपनी खोल ली। बिना किसी अनुमति के खोली गई कैलाशी विजन प्रोडयूसर विजन कंपनी की उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 23 शाखाएं खोली गईं जिनमें करीब 9,000 खाते खोलकर आरडी, एफडी, डेली डिपॉजिट स्कीम और ऋण के नाम पर करीब 28 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए। कुछ ग्राहकों को मैच्योरिटी की रकम भुगतान के बाद अधिकांश लोगों को उनकी रकम का भुगतान नहीं किया गया। देहरादून में भी कंपनी ने 110 खाताधारकों की 40 लाख रुपये की धनराशि नहीं लौटाई है।

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