2026 तक नक्सलवाद मुक्त होगा छत्तीसगढ़, CM साय बोले- रणनीति हो रही तैयार
छत्तीसगढ़ सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सामूहिक प्रयासों और जनभागीदारी से छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सलवाद मुक्त होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार कर रही है। साय ने यह जानकारी पुलिस मुख्यालय में नक्सल परिदृश्य पर आयोजित समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले 11 महीनों में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने के संकल्प को ध्यान में रखते हुए एक प्रभावी योजना बनाई जा रही है।
"बस्तर क्षेत्र के लोग विकास की ओर बढ़ना चाहते हैं"
मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए जन जागरूकता अभियान को और तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बस्तर क्षेत्र के लोग अब नक्सलवाद से मुक्त होकर विकास की ओर बढ़ना चाहते हैं, जिसका प्रमाण हाल ही में संपन्न बस्तर ओलंपिक में देखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए 15 हजार मकानों का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा।
"छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सलवाद मुक्त होगा"
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सामूहिक प्रयासों और जनभागीदारी से छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सलवाद मुक्त होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर को सुधारने और राज्य में विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल करने की है।
नक्सलियों के आत्मसमर्पण के प्रयासों को तेज करने पर जोर
बैठक में उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की ठोस कार्रवाई की बात की। उन्होंने नागरिक समाजों को अभियान से जोड़ने और नक्सलियों के आत्मसमर्पण के प्रयासों को तेज करने पर बल दिया। शर्मा ने नक्सलियों के वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बैठक में सुरक्षा ग्रिड का विस्तार, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नए कैंप स्थापित करने, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और आवास संबंधी योजनाएं और संयुक्त कार्य योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुवा भी इस बैठक में उपस्थित थे।
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