छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद का केंद्र बना 'अंडा', जानिए क्या है मामला
छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच इस समय 'अंडा' एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया है। दरअसल छत्तीसगढ़ में मध्याह्न भोजन योजना के तहत सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा वितरित करने का आदेश जारी किया है। ऐसे में अंडा वितरित करने के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने विधानसभा में हंगामा किया और सरकार से इस कदम को वापस लेने की मांग की।
मामला राज्य की विधानसभा में भी उठा है। गुरुवार को प्रश्नकाल के बाद वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने मध्याह्न भोजन में अंडा वितरण का मुद्दा उठाया और काम रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि स्कूलों को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। यहां अंडा वितरण के फैसले के बाद से शाकाहारी समाज नाराज है।
विधायक ने कहा कि राज्य के कबीर पंथी, राधा स्वामी, गायत्री परिवार, जैन समुदाय और अन्य शाकाहारी समुदाय इस निर्णय के खिलाफ हैं।
वहीं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इन समुदायों में इतनी नाराजगी है कि कबीर पंथ धर्म गुरु प्रकाश मुनि साहिब ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना दिया।
विपक्ष के विधायकों के विरोध के बीच कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम, बृहस्पति सिंह, अमरजीत भगत और अन्य विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को प्रोटीन के रूप में अंडा उपलब्ध कराना चाहती है, क्योंकि राज्य में कुपोषण की दर लगभग 40 प्रतिशत है।
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस मुद्दे पर अपना बयान दिया। भाजपा के सदस्यों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि यह वक्तव्य राजनीति से प्रेरित है। भाजपा सदस्य इसके विरोध में आसन के पास पहुंच गए। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।