छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव: कांटे की टक्कर में भाजपा ने दिए वापसी के संकेत, रायपुर—बिलासपुर में कांग्रेस को दी मात
पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हाथों सत्ता खोने के एक साल के भीतर ही भाजपा ने वापसी के संकेत दे दिए हैं।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हाथों सत्ता खोने के एक साल के भीतर ही भाजपा ने वापसी के संकेत दे दिए हैं। शनिवार को राज्य भर में हुए नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है। राज्य के कुल 2,834 वार्डों में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भले ही मामूली अंतर से भाजपा को पीछे छोड़ दिया हो लेकिन रायपुर और बिलासपुर जैसे महानगरों में बीजेपी का दबदबा साफ दिखाई दिया। मंगलवार देर रात घोषित परिणामों की बात करें तो राज्य के कुल 2,8341 वार्डों में कांग्रेस को 1283 सीटों पर जीत मिली वहीं भारतीय जनता पार्टी के हाथ 1131 सीटें आईं।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि बीते शनिवार को नगरीय निकायों के लिए मतदान हुआ था। कल आज मतों की गिनती की गई। आयोग ने राज्य के कुल 2,834 वार्डों के चुनाव परिणाम की घोषणा की है। शनिवार को जिन नगर निकायों के लिए मतदान हुआ उनमें 10 नगर निगम, 38 नगरपालिका परिषद और 103 नगर पंचायत शामिल हैं।
महानगरों में भाजपा का दबदबा
नगरीय निकाय चुनावों में राज्य के प्रमुख शहरों में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा साफ दिखाई दिया। रायपुर की बात करें तो यहां के 188 वार्डों में भाजपा को 87 सीटें और कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं। हालांकि रायपुर नगर निगम की 70 सीटों में कांग्रेस को 34 सीटें मिलीं वहीं भाजपा के हाथ 29 सीटें आईं। वहीं बिलासपुर की बात करें तो यहां की 190 सीटों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के हाथ 84 सीटें आईं। यहां भी नगर निगम की 70 सीटों में कांग्रेस को बढ़त मिली है। यहां कांग्रेस ने 35 और भाजपा ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की है।
तीन वार्डों में नहीं मिले नामांकन
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने 151 शहरी निकायों के 2843 वार्ड पार्षदों के लिए आम चुनाव की घोषणा की थी। छह वार्डों में पार्षद निर्विरोध चुने गए। इसके अलावा, तीन वार्डों में कोई नामांकन प्राप्त नहीं हुआ, जबकि दो स्थानों पर सभी नामांकन वापस ले लिए गए। वहीं एक उम्मीदवार की मौत के कारण दोरनापाल नगर पंचायत के एक वार्ड में चुनाव नहीं हुआ। शनिवार को 2831 वार्डों में पार्षदों के लिए मतदान कराया गया। राज्य में नए नियमों के अनुसार, नगरीय निकायों के महापौर और अध्यक्षों का चुनाव पार्षदों द्वारा किया जाएगा।
दोनों पार्टी के अपने अपने दावे
चुनाव परिणाम को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस का कहना है कि शहरी जनता ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विश्वास किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि नतीजों ने सत्तारूढ़ पार्टी को आईना दिखाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि परिणाम के अनुसार कांग्रेस ने भाजपा से अधिक वार्डों में जीत दर्ज की है। उन्होंने दावा किया कि शहरी निकायों में कांग्रेस के अधिकतम महापौर और अध्यक्ष होंगे। जनता ने राज्य सरकार के विकास कार्यों पर मुहर लगा दी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि भूपेश सरकार सिर्फ एक साल में अलोकप्रिय हो गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा को जनता की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।