छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कुछ महिला समूहों को लोन लेना इतना महंगा पड़ रहा है कि अब पूरा गांव ही अपने घरों में ताला लगाकर सुबह से लेकर देर रात तक जंगल में छुपने को मजबूर है। खबर है कि लोन वसूली करने वाले प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के एजेंट शराब के नशे में आकर गांव की महिला समूहों से मारपीट और गाली गलौज करते हैं। इतना ही नहीं गांव में जब कोई नहीं मिलता तो छत्तीसगढ़ शासन से अनुदान में मिले धान मील को प्राइवेट कंपनी के एजेंट उठाकर ले गए।
महज 30 हजार रुपये का है लोन
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ से सटे ग्राम पंचायत डंगौरा के ग्राम बिछली में रहने वाले बैगा जनजाति के कई परिवार इन दिनों प्राइवेट माइक्रो लोन के जंजाल फंस गए हैं। अब लोन की किश्तें नहीं दे पाने के कारण प्राइवेट बैंक के एजेंटो के डर से अपने घरों में ताला लगाकर ये परिवार जंगल में रहने को मजबूर हैं। महज 30 हजार रुपये के लोन लेने के बाद लोन की किश्त जमा नहीं कर पाने के कारण बीते कई दिनों से यहां के आदिवासी महिला समूह अपने परिवार के साथ घरों में ताला लगाकर साथ में चावल और दाल लेकर जंगल की और जाकर एजेंटो के डर से छुप जाते हैं।
घर में रखा समान भी ले जाते हैं उठाकर
बताया जाता है कि रात होते ही प्रायवेट बैंक के एजेंट गांव में पहुंच जाते हैं और लोन के पैसों के लिए ग्रामीणों से शराब के नशे में गली गलौज करते हैं और घर में रखा कोई भी समान उठाकर ले जाते हैं। इसलिए एजेंटो की प्रताड़ना से तंग आकर ये लोग जंगल का सहारा लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। मामले की सूचना जब इंडिया टीवी के संवाददाता ने मनेंद्रगढ़ सीटी कोतवाली के प्रभारी को दी तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा जानकारी मिली है। गांव में जाकर हम मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।
(रिपोर्ट- सिकंदर खान)
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