छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने चरण पादुका वितरण योजना और सरस्वती साइकिल योजना को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। ये दोनों योजनाएं रमन सिंह की सरकार ने शुरू की थीं। हालांकि, 2018 में बीजेपी चुनाव हार गई और कांग्रेस सत्ता में आई। इसके बाद इन दोनों योजनाओं को बंद कर दिया गया। अब 2023 में फिर बीजेपी सत्ता में आ चुकी है और इन योजनाओं को शुरू करने की तैयारी कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार विष्ण देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है और वह लगातार प्रदेश के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने इन दोनों योजनाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
क्या थी चरण पादुका वितरण योजना
चरण पादुका वितरण योजना की 2005 में शुरू हुई थी। इस समय रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे। इसके तहत तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को राज्य सरकार हर साल एक जोड़ी जूते देती है। पहले यह योजना सिर्फ पुरुषों के लिए थी। 2008 में इसमें महिलाओं को भी शामिल किया गया। पहले इस योजना के तहत जूते दिए जाते थे बाद में 2013 से जूते की जगह चप्पल मिलने लगी थी। गुरुवार को जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की।
क्या थी सरस्वती साइकिल योजना
2011 में शुरू हुई यह योजना स्कूल की छात्राओं के लिए थी। रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते यह योजना शुरू हुई थी। इसके तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को नौवीं कक्षा में साइकिल मुफ्त में दी जाती थी। ऐसी ही योजना शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते मध्य प्रदेश में भी शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गांव की लड़कियों के लिए स्कूल तक का सफर आसान करना था।
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