कांग्रेस काल के दौरान हुए सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में FIR दर्ज, सीएम बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक मामला दर्ज किया है। इसे लेकर राज्य के सीएम ने एक्स पर पोस्ट भी किया है जिसमें कहा गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकान बनने के बाद पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान सीजीपीएससी भर्तियों में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। बता दे कि पिछले महीने राज्य सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई से कराने का फैसला किया था। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने एक्स(पूर्व में ट्विटर पर कहा, " सीजीपीएससी महाघोटाले के आरोपी पूर्व अधिकारियों एवं नेताओं के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस महाघोटाले में अपने भविष्य की बलि देने वाले अपने सभी बच्चों को मैं आश्वस्त करता हूं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
'अपने बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों का किया सेलेक्शन'
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ईओडब्ल्यू ने IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया है। बयान में कहा गया, "गृह विभाग ने दो फरवरी को राज्य ईओडब्ल्यू-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निदेशक को एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि 170 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित सीजीपीएससी परीक्षा-2021 के परिणाम घोषित होने के बाद, ननकीराम कंवर (भाजपा के पूर्व विधायक) और अन्य लोगों ने आयोग के खिलाफ अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है।" बयान में कहा गया कि पत्र के अनुपालन में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है। पत्र के अनुसार प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, सीजीपीएससी के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, कई लोक सेवकों और नेताओं ने अपने पदों का दुरुपयोग कर असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा 2021 सहित 2020 और 2021 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान चयन प्रक्रिया को प्रभावित किया और योग्य उम्मीदवारों के स्थान पर अपने बेटों, बेटियों और रिश्तेदारों का चयन किया।
बीजेपी मे सत्ता में आने पर की थी जांच कराने की घोषणा
पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने गत वर्ष नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सीजीपीएससी भर्तियों में कथित अनियमितताओं को लेकर तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधा था और अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर मामले की जांच कराने की घोषणा की थी। बीजेपी के पूर्व विधायक नकीराम कंवर ने पिछले साल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष सितंबर में राज्य सरकार को एक याचिका में लगाए गए आरोपों को सत्यापित करने का निर्देश दिया था। आरोप थे कि सीजीपीएससी परीक्षा- 2021 में चयनित 18 उम्मीदवार आयोग के अधिकारियों, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और बड़े व्यवसायियों के रिश्तेदार हैं। याचिका में कहा गया था 2021 में सीजीपीएससी ने 20 श्रेणियों की सेवाओं के लिए कुल 171 पद निकाले थे।
याचिका में दावा किया गया कि सेलेक्शन में मनमानी की गई
प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को आयोजित की गई थी जबकि मुख्य परीक्षा वर्ष 2022 के मई महीने में 26, 27, 28 और 29 तारीख को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए और 509 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया । साक्षात्कार 20 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2022 तक हुए। 170 पदों पर चयनित उम्मीदवारों की सूची पिछले वर्ष 11 मई को जारी की गई। याचिका में दावा किया गया कि सीजीपीएससी-2021 परीक्षा के परिणामों से पता चलता है कि चयन में मनमानी की गई है।
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