छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य से गुजरने वाली यात्री रेलगाड़ियों के अनियमित परिचालन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जनसपंर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री रेलगाड़ियों के अनियमित परिचालन से राज्य के लाखों नागरिकों को हो रही समस्याओं से अवगत कराया है।
"पहले से नहीं दी जाती सूचना"
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है, "रेलवे की ओर स बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को निरस्त करने की सूचना जारी कर दी जाती है। वह कब तक निरस्त रहेगी, इसकी भी जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती। यात्री ट्रेन को रद्द किए जाने के अलावा ट्रेन के अत्यधिक विलंब से चलने से भी यात्रियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।"
स्थिति में कोई सुधार नहीं- सीएम
बघेल ने लिखा है, "मेरे द्वारा पूर्व में रेल मंत्री जी को भी अनेक अवसरों पर यात्री ट्रेन के सुचारू परिचालन के लिए ध्यान आकर्षित कराया गया, लेकिन उससे स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।" उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों के इस तरह असामान्य संचालन से छात्रों, तीर्थयात्रियों, मरीजों, रोजगार के लिए राज्य में आने वाले व्यक्तियों, व्यवसायियों, श्रमिकों और परीक्षार्थियों के अनेक पूर्व निर्धारित कार्यों का संपादन संभव नहीं हो पा रहा है।
"राज्यवासियों में आक्रोश व्याप्त"
उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी धीरे-धीरे इसका प्रभाव दिखने लगा है। लंबी अवधि से रेलगाड़ियों के निरस्त होने और देरी से चलने के कारण राज्यवासियों में आक्रोश व्याप्त है। सरकार और रेलवे की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ में रेलगाड़ियों की संख्या बहुत कम है और दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के लिए यात्री रेल ही आवागमन का एकमात्र सुलभ साधन है।