प्रस्तावित परसा कोयला खदान के विरोध में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प, कई घायल
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जनपद में परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई के विरोध में पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी झड़प हो गई। इस दौरान पुलिसकर्मी समेत कई घायल हो गए।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसरा यहां प्रस्तावित परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में राजस्व विभाग के कर्मियों समेत कई पुलिसवाले भी घायटल हो गए। पुलिस ने बताया कि इसमें राजस्व विभाग के दो कर्मी और आठ पुलिसवाले घायटल हुए। वहीं, दूसरी ओर सोशल वर्कर्स ने पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने का आरोप लगाया है।
बता दें कि सरगुजा संभाग के जैव विविधता से भरपूर हसदेव अरंड इलाके में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड यानी RRVUNL को आवंटित परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई शुक्रवार से घाटबर्रा गांव के पास शुरू करनी है। इसके लिए गुरुवार को लगभग चार सौ पुलिस और राजस्व कर्मियों को तैनात किया गया था।
'क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को किया तैनात'
सरगुजा जिले के एसपी योगेश पटेल ने बताया कि क्षेत्र में पुलिसकर्मियों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने बताया, "हमले में आठ पुलिसकर्मी, एक उपजिलाधिकारी और एक कोटवार (राजस्व कर्मचारी) घायल हो गए।" उन्होंने बताया, "स्थानीय व्यक्ति रामलाल कडियाम को भी चोटें आईं लेकिन यह पुलिस द्वारा नहीं पहुंचाई गई। रामलाल के शरीर पर धारदार हथियार के निशान थे और पुलिस के पास ऐसा कोई हथियार नहीं था।" पुलिस अधिकारी के मुताबिक क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है।
CBA ने किया ये दावा
इस बीच हसदेव क्षेत्र में कोयला खदानों के आवंटन का विरोध कर रहे छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन यानी CBA की तरफ से दावा किया गया कि पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया। सीबीए के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा, "सीबीए, राजस्थान को कोयला आपूर्ति करने और अडानी के कारोबार का विस्तार करने के लिए हसदेव जंगल में एक नई खदान (परसा कोल ब्लॉक) को जबरन खोलने के लिए निहत्थे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज और दमनकारी कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है।"
"खनन से मानव-हाथी संघर्ष शुरू हो जाएगा"
RRVUNL ने परसा खदान का MDO(माइन डेवलपर कम ऑपरेटर) अडाणी समूह को दे दिया है। सीबीए के संयोजक ने कहा, "छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2022 में (पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान) सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि हसदेव क्षेत्र में खनन गतिविधियां नहीं की जाएंगी।" उन्होंने दावा किया कि इकोलोजिकल नजर से संवेदनशील हसदेव अरंड क्षेत्र में खनन से 1,70,000 हेक्टेयर वन नष्ट हो जाएगा और मानव-हाथी संघर्ष शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, "हम जंगल की कटाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हैं।"
प्रियंका गांधी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा की भी इसको लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर कथित पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, "पूरे देश में आदिवासियों पर अत्याचार करना भाजपा की नीति बन गई है। जो आदिवासी सदियों से जंगलों के मालिक हैं, उन्हें बेदखल किया जा रहा है ताकि अडाणी की खदानें चल सकें।" (Input PTI)