छत्तीसगढ़ का नया सीएम कौन? बीजेपी विधायक दल की बैठक में रविवार को होगा फैसला
भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की कल रायपुर में बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों का नाम भी तय कर दिया है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब कल मिल जाने की उम्मीद है। दरअसल कल बीजेपी विधायक दल की बैठक रायपुर में बुलाई गई है। विधायक दल की बैठक में सीएम का चुनाव होगा और फिर केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों के मत से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे। इस तरह कल छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम क्लियर हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि रायपुर में कल दो बजे विधायकों की बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक और प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। वहीं सीएम के नाम पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व और विधायक मिलकर मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। शपथग्रहण से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ये अभी तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा केंद्रीय पर्यवेक्षक ही चुनाव प्रक्रिया या फिर कैसे सीएम का नाम चुना जाए, यह तय करेंगे।
बीजेपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में शानदार जीत जीत हासिल की। बीजेपी ने 90 में से 54 सीट जीतकर बहुमत हासिल किया है। केंद्रीय नेतृत्व ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यन्त कुमार गौतम को राज्य में विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। ताजा जानकारी के मुताबिक रविवार को पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में 54 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक रायपुर में होगी।
ओबीसी या आदिवासी नेता को सीएम बनाने पर विचार
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश किए बिना चुनाव लड़ने वाली भाजपा छत्तीसगढ़ में किसी ओबीसी या आदिवासी नेता को बागडोर सौंपने पर विचार कर रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी, विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं।
आदिवासियों की हिस्सेदारी 32 फीसदी
राज्य की आबादी में आदिवासियों की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और भाजपा ने इस बार 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 पर जीत हासिल की है। साल 2018 में भाजपा ने एसटी वर्ग के लिए आरक्षित केवल तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों, जो 2018 में कांग्रेस ने जीते थे, इस बार भाजपा ने जीत लिए और इसे चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन का कारण माना जा रहा है। विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं।
इसके अलावा प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव, जिन्होंने विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था, और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी, दोनों पिछड़ी जाति से हैं, भी मुख्यमंत्री के दावेदारों में से हैं। साव, राज्य के प्रभावशाली ओबीसी समुदाय साहू (तेली) से आते हैं जो मुख्य रूप से दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभाग में रहते हैं। राज्य में करीब 45 फीसदी ओबीसी आबादी है। (इनपुट-भाषा)