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Hindi News छत्तीसगढ़ नौकरी लगवाने के नाम पर करते थे मानव तस्करी, पुलिस ने महिला समेत 3 को किया गिरफ्तार

नौकरी लगवाने के नाम पर करते थे मानव तस्करी, पुलिस ने महिला समेत 3 को किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों को विदेश भेजने और उनसे गलत काम करवाने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक महिला भी शामिल है।

human trafficking, human trafficking news, couple from mumbai- India TV Hindi Image Source : PEXELS REPRESENTATIONAL पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपयों को गिरफ्तार किया है।

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से मानव तस्करी की एक बड़ी खबर सामने आई है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दुर्ग की पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम मानव तस्करी करने और 2 लाख रुपये की ठगी के आरोप में मुंबई से एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि भिलाई के निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने मुंबई के रहने वाले 36 साल के साजन शेख, 42 साल के रफीक खान और एक महिला को गिरफ्तार किया है।

‘शिकायतकर्ता को दी गई ठगी की ट्रेनिंग’

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता ने दुर्ग के साइबर थाने में मामला दर्ज कराया था कि लाओस में अच्छे-खासे वेतन पर कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का विज्ञापन दिखाकर उससे 2 लाख रुपये का फ्रॉड किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता से इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि लाओस में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर आरोपियों ने उसे जहां भेजा था, वहां उसे ठगी करने की ट्रेनिंग दी गई। 

‘काम करने से मना किया तो वापस भेजा’

शिकायतकर्ता ने कहा कि जब उसने ठगी का काम करने से मना कर दिया तो उसे वापस भेज दिया गया और पैसे वापस नहीं किए गए। अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में मानव तस्करी से जुड़ी धारा जोड़ी और मामले की जांच की। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी मुंबई के गोरेगांव में हैं, जिसके बाद दुर्ग से पुलिस टीम को मुंबई भेजा गया और आरोपियों को पकड़ लिया गया। जब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि वे विदेश में नौकरी लगवाने का विज्ञापन दिखाकर लोगों को दूसरे देश भेजते थे।

‘आरोपियों ने बनाई थी कंसल्टेंसी कंपनी’

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने इसके लिए 2022 में वीएस इंटरप्राइजेज मैनपावर कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी भी बनाई थी। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी इस कंपनी के जरिए सऊदी अरब, दुबई, ओमान, कुवैत में नौकरी लगवाने और वीजा सर्विस देने के नाम पर पैसा लेते थे। उन्होंने बताया कि आरोपी रफीक खान ने लाओस में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम दिलाने के लिए पीड़ित को एक महिला और साजन शेख से मिलवाया था। उन्होंने कहा कि तीनों ने पीड़ित को विश्वास में लेकर सर्विस फीस के नाम पर लाख रुपये लिए।

इंटरपोल की मदद से एक्शन की तैयारी

अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता को थाईलैंड के रास्ते लाओस भेज दिया, जहां उसे बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर काम करने के लिए साइबर फ्रॉड से जुड़े कुछ वीडियो दिखाए गए। शिकायतकर्ता ने काम करने से मना किया तो उसे लगभग 5 दिन रोकने के बाद वापस भेज दिया गया, लेकिन उसके पैसे वापस नहीं दिए। पता चला है कि आरोपियों ने कई लोगों को इस तरह का लालच देकर विदेश भेजा। अधिकारियों ने बताया कि लाओस और थाईलैंड में साइबर गुलामी में फंसे लोगों को बचाने के लिए इंटरपोल की मदद से कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)