अक्सर हमें सोशल मीडिया या न्यूज पर पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलीबारी की खबरें मिलती रहती हैं। हालांकि, इन खबरों के इतर अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अनोखी पहल की है। राज्य सरकार ने अब नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की है और पूछा है कि वे खुद बताएं कि उनकी पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए। सरकार ने नक्सलियों से ईमेल और गूगल फॉर्म पर सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा है कि वार्ता के सारे रास्ते खुले हैं। आइए समझते हैं इस पूरे मामले को हमारी इस खबर में।
नई पुनर्वास नीति का मसौदा बनेगा
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार नई पुनर्वास नीति का मसौदा तैयार करने जा रही है। इसके मद्देनजर राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बस्तर जिले बात करते हुए माओवादियों से सुझाव मांगा है। शर्मा ने कहा कि हम उन्हीं से पूछ रहे हैं कि उनके पुनर्वास की नीति क्या होनी चाहिए ताकि वे मुख्यधारा में जुड़कर प्रदेश और देश की विकास में भागीदारी कर सकें। बता दें कि विजय शर्मा के पास राज्य नें गृह विभाग भी है।
सरकार नियद नेल्लानार योजना लाई
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) नामक योजना लायी है। इसके तहत सरकार गांवों में सड़क, स्वास्थ्य, पानी की सुविधा प्रारम्भ कर समानता और विकास का एक वातावरण तैयार कर रही है। जो भटके हुए युवा हैं वह भी इस बात को समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप और समाज नक्सलवाद की इस समस्या के हल के लिए समर्थ हैं।
ई-मेल आईडी और गूगल फॉर्म भी जारी
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सली नेताओं से सवाल किया कि चीन में भी माओवाद है लेकिन वहां सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं है, क्या वे ऐसा राज्य चाहते हैं? शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति बहुत ही अच्छी है। लेकिन इस नीति को और बेहतर बनाने के लिए वह किसी भी राज्य में जाकर अध्ययन करने को तैयार हैं। उन्हों राज्य में नई पुनर्वास नीति पर सुझाव लेने के लिए एक ई-मेल आईडी और गूगल फॉर्म भी जारी किया। उन्होंने कहा कि समर्पण माओवादियों को करना है और यह पहल उन्हीं के लिए है। (इनपुट: भाषा)
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