छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम जारी हो चुका है और राज्य में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम से पहले तक कांग्रेस राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में आसान जीत की उम्मीद लगाए बैठी थी। हालांकि, परिणाम ठीक इसके उलट आया। छत्तीसगढ़ चुनाव परिणाम में सबसे ज्यादा चर्चा साजा विधानसभा सीट की हो रही है, जहां एक आम आदमी ईश्वर साहू ने भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और भूपेश सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे को हरा दिया।
बेटे को खोने की कहानी
छत्तीगसढ़ के बेमेतरा जिले में आने वाले साजा विधानसभा क्षेत्र में इसी साल अप्रैल महीने में सांप्रदायिक हिंसा की खबर आई थी। इस हिंसा में ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। बेटे को खोने वाले ईश्वर साहू को भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज रविंद्र चौबे के खिलाफ साजा सीट से टिकट दिया। कहा जाता है कि उन्होंने भावनात्मक ढंग से यह चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की।
सीट पर साहू वोटर्स की अच्छी संख्या
छत्तीगसढ़ की साजा सीट पर करीब 60 हजार साहू वोटर हैं जो कि निर्णायक साबित होते हैं। भाजपा ने इन वोटरों को ईश्वर साहू के पक्ष में करने की पूरी कोशिश की। जब चुनाव के परिणाम आए तो ईश्वर साहू को कुल 101789 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के रविंद्र चौबे को 5297 वोटों से हराया है। रिपोर्ट की मानें तो ईश्वर साहू ने अपने जीवन में सरपंच का भी चुनाव नहीं लड़ा है।
भाजपा क्या बोली?
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने भी ईश्वर साहू की जीत की चर्चा की है। उन्होंने लिखा है- "ये छत्तीसगढ़ भाजपा के विधानसभा उम्मीदवार ईश्वर साहू हैं। इन्होंने कांग्रेस के 7 बार के विधायक रविंद्र चौबे को हराया है। इनका बेटा भीड़ की हिंसा में मारा गया और हमेशा की तरह कांग्रेस दंगाइयों का समर्थन कर रही थी। आज ईश्वर ने लोकतांत्रिक लड़ाई में अन्याय का बदला लिया। बधाई हो।"
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