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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: '40 गांव-40 साल', जानें बस्तर के इन गांवों के लिए इलेक्शन क्यों है खास?

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के 40 गांव ऐसे हैं जहां के लोग 40 साल में पहली बार वोट डालेंगे। उनके लिए इस बार मतदान करना किसी त्योहार से कम नहीं है। जानिए आखिर इन गांव के लोग इतने साल से मतदान क्यों नहीं कर पा रहे हैं।

chhattisgarh assembly elections 2023- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में इस बार के विधानसभा चुनाव खास होने जा रहे हैं क्योंकि यहां के 40 माओवाद प्रभावित गांवों के लोगों को 40 साल में पहली बार मतदान करने का मौका मिलेगा। पहले ये नक्सल प्रभावित गांव इतने खतरनाक थे कि इनमें सुरक्षित मतदान कराना संभव नहीं था। बस्रतर में ये 40 अति नक्सल प्रभावित गांव हैं जहां 40 साल बाद मतदान के लिए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन गांवों में शनिवार को 120 मतदान केंद्र दोबारा खोले जा रहे हैं।  बता दें कि माओवादी संगठन के चुनाव बहिष्कार के ऐलान के बाद चुनाव आयोग ने पूरी सतर्कता के साथ इन इलाकों में चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है और सुरक्षित मतदान कराने की बात कही है। 

पिछले पांच वर्षों में इन अति नक्सल प्रभावित इलाकों में 60 से अधिक सुरक्षा बल कैंप स्थापित किये गये हैं। इन मतदान कैंपों की स्थापना के बाद इन इलाकों में एरिया डोमिनेशन की प्रक्रिया लगातार चलती रही है और अब पुलिस के मुताबिक ये इलाके इतने सुरक्षित हैं कि वहां वोटिंग प्रक्रिया कराई जा सकती है। इसके लिए चुनाव आयोग ने पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

चुस्त-दुरुस्त की गई है सुरक्षा व्यवस्था

बता दें कि बस्तर में आगामी 7 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए सुरक्षा बलों की तैयारी के बारे में बोलते हुए, बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सुंदरराज पी ने कहा कि सुरक्षा बल चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

आईजीपी सुंदरराज ने कहा "जैसा कि सभी जानते हैं, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर संभाग के सभी सात जिलों में मतदान होना है। उसी व्यवस्था को लेकर सभी सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारी चल रही है और हम पूरी चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए अपनी कोशिश कर रहे हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में सभी व्यवस्थाएं काफी अच्छी होंगी।' उन्होंने आगे कहा कि नक्सली समस्या के कारण बंद या स्थानांतरित किये गये कुछ मतदान केंद्रों को फिर से स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।

फिर से बनाए जा रहे हैं मतदान केंद्र

सुंदरराज ने कहा, "हम 2018 के चुनावों की तुलना में 2023 में सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि देखेंगे। उसी के मद्देनजर, कुछ मतदान केंद्र ऐसे हैं जो अतीत में माओवादी समस्या के कारण बंद कर दिए गए होंगे या निकटतम पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिए गए । उन सभी मतदान केंद्रों को उन गांवों में फिर से स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। लगभग 120 मतदान केंद्रों की पहचान की गई है, जिसे फिर से पूरे जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा गांव में सुरक्षा शिविर के कारण संपादित किया जाना है। उसी गांव में स्थापित किया जा रहा है।'' 

उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास मतदाता और मतदान केंद्रों के बीच की दूरी को कम करने का होगा ताकि अधिक से अधिक संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों पर जा सकें और अपना वोट डाल सकें। चुनाव संबंधी सभी प्रकार की कार्यवाही बहुत व्यवस्थित तरीके से की जाएगी ताकि 7 नवंबर को चुनाव प्रक्रिया बहुत अच्छे और व्यवस्थित ढंग से आयोजित की जा सके।''

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