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छत्तीसगढ़ के इतिहास में क्यों है भाजपा की ये सबसे बड़ी जीत? समझिए

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के रुझानों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। राज्य में बीजेपी नें कांग्रेस को रुझानों में बहुत पीछे छोड़ दिया है। भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ की ये विजय कोई मामूली नहीं बल्कि राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

Chhattisgarh elections - India TV Hindi Image Source : PTI रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिलता देख जश्न मनाते पार्टी कार्यकर्ता

रायपुर: छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इस राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी जीत की ओर अग्रसर है। भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को हो रही मतगणना में 54 सीट पर बढ़त बना ली है। यदि यह बढ़त परिणाम में तब्दील होती है, तो यह साल 2000 में राज्य गठन के बाद से हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी। निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक भाजपा 54 सीट और कांग्रेस 36 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। 

ये आंकड़े दे रहे गवाही

  • निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार, रुझानों में भाजपा को 46.36 फीसदी, कांग्रेस को 42.14 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 2.10 फीसदी और अन्य को 5.46 फीसदी वोट मिले हैं। 
  • छत्तीसगढ़ में पहली बार 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीट मिली थीं और 39.26 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। वहीं पार्टी को 2008 में 50 सीट और 40.33 फीसदी मत, 2013 में 49 सीटें और 41.04 फीसदी वोट और 2018 में 15 सीटे और 32.97 फीसदी मत मिले थे। 
  • इसी तरह कांग्रेस को 2003 में 37 सीट और 36.71 फीसदी मत, 2008 में 38 सीट और 38.63 फीसदी मत, 2013 में 39 सीट और 40.29 फीसदी वोट और 2018 में 68 सीट और 43.04 फीसदी मत मिले थे। राज्य में बसपा ने इस विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन किया था। 
  • छत्तीसगढ़ में बसपा को 2003 में दो सीट और 4.45 फीसदी मत, 2008 में दो सीट और 6.11 फीसदी मत, 2013 में एक सीट और 4.27 फीसदी वोट और 2018 में दो सीट एवं 3.87 फीसदी मत मिले थे। जीजीपी ने अभी तक सभी चुनावों में किस्मत आजमाई है, लेकिन सभी में हारी है।

चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी को मिली संजीवनी

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम से आहत भाजपा इस चुनाव से एक साल पहले तक लगभग बिखरी हुई नजर आ रही थी और विधानसभा के उपचुनावों और स्थानीय निकायों में हार ने पार्टी को और भी निराश कर दिया था। लेकिन चुनाव से कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लगातार दौरों ने यहां भाजपा को संजीवनी प्रदान कर दी। राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद ऐसा लगा कि भाजपा का अभियान मुख्य रूप से केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर आधारित है।

मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ी बीजेपी

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ा है, जिसका फायदा पार्टी को मिलता दिख रहा है। राज्य में अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सरकार पर आक्रामक रहे प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले सहित अन्य कथित घोटालों को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला था। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के वादों के सामने अपनी ‘गारंटी’ को लोगों के सामने रखा और कहा कि “मोदी की गारंटी मतलब वादों को पूरा करने की गारंटी” है।

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