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Hindi News छत्तीसगढ़ Video: वैशाली नगर के विधायक की गुंडागर्दी, विरोध कर रहे ग्रामीण का पकड़ा जबड़ा

Video: वैशाली नगर के विधायक की गुंडागर्दी, विरोध कर रहे ग्रामीण का पकड़ा जबड़ा

वीडियो में नेताजी जबड़ा पकड़कर एक ग्रामीण को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं। जब युवक उनकी बात नहीं सुनता है तो वह जोर से डांट भी रहे हैं।

Rikesh Sen- India TV Hindi Image Source : INDIA TV जबड़ा पकड़कर धमकाते रिकेश सेन

छत्तीसगढ़ के भिलाई में विधायक जी की दबंगई देखने को मिली है। वैशाली नगर से विधायक रिकेश सेन ने विरोध कर रहे लोगों को धमकाया। इस दौरान उन्होंने एक व्यक्ति का जबड़ा भी पकड़ लिया। इसके बाद भी वह व्यक्ति चुप नहीं हुआ तो जोर-जोर से डांटने लगे। इस दौरान किसी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। हालांकि, विधायक जी की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

कुरूद गांव के लोग नकटा तालाब के नामकरण को लेकर विरोध कर रहे थे। इस तालाब का नाम बिहार की लोकप्रिय गायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर रखा गया है। गांव के लोग इसका विरोध कर रहे थे। इन्हीं लोगों को समझाते हुए विधायक जी ने एक व्यक्ति का जबड़ा पकड़ लिया।

देवदास बंजारे के नाम का समर्थन

गांव के लोगों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के तालाब का नामकरण करना है तो छत्तीसगढ़ के कलाकारों के नाम से होना चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि स्वर्गी शारदा सिन्हा बिहार कोकिला के नाम से जानी जाती हैं। उनका हम पूरा पूरा सम्मान करते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि इस तालाब का नाम स्वर्गीय देवदास बंजारे के नाम से होना चाहिए। देवदास बंजारे अंतरराष्ट्रीय पंथी नृत्य कलाकार थे। हालांकि, विधायक रिकेश सेन को यह रास नहीं आया और उन्होंने पहले जबड़ा पकड़कर धमकाया फिर धक्का मारकर डराने की कोशिश की। हालांकि, विरोध के बाद तालाब के नाम को मिटा दिया गया, जो कि स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर था।

विधायक जी पहले ही कर चुके हैं ऐलान

विधायक जी ने एक दिन पहले ही तालाब के नामकरण का ऐलान कर दिया था। उन्होंने हर जगह डिंडोरा भी पीट दिया था और पूरी दुनिया को बता दिया था कि वह तालाब का नाम स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर रखने जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने गांव के लोगों से ही इस बारे में बात नहीं की और अब उन्हें फजीहत झेलनी पड़ रही है। रिकेश सेन ने लिखा था "भोजपुरी लोकगायिका पद्म विभूषण शारदा सिन्हा जी के निधन से संगीत जगत और उनके अनगिनत प्रशंसकों को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके गीतों के बिना छठ पर्व अधूरा सा लगता है। उनकी स्मृति में कुरूद के नकटा तालाब का नाम ‘शारदा सरोवर’ रखा जाएगा, साथ ही वहां उनकी प्रतिमा भी स्थापित होगी। उनके लोकगीत हमेशा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा रहेंगे।"

(भिलाई से सिकंदर खान की रिपोर्ट)