राष्ट्रपति मुर्मू से मिले बस्तर के नक्सल पीड़ित, कहा- '40 साल से आतंक का दंश झेल रहे, CM साय ने दी नई उम्मीदें'
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि पिछले चार दशकों से बस्तर के लोग नक्सली आतंक का दंश झेल रहे हैं। इन हमलों के कारण हजारों लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग विकलांग हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में रहने वाले नक्सल प्रभावित पीड़ितों ने शनिवार (21 सितंबर) को राष्ट्रपति भवन का दौरा किया। नक्सल पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल 70 लोगों के लिए यह दिन बेहद खास था। प्रतिनिधिमंडल के सभी लोगों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का मौका मिला। इस दौरान उनके चेहरों पर वर्षों की पीड़ा के निशान थे, लेकिन उनकी आंखों में उम्मीद की किरण भी देखी गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर इन लोगों को राष्ट्रपति भवन ले जाया गया था।
इसका उद्देश्य देश के राष्ट्रपति के समक्ष नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को प्रस्तुत करना और बस्तर को नक्सली आतंक से मुक्त करने के उपायों की अपील करना था। बैठक के दौरान पीड़ितों ने बताया कि किस तरह माओवादी हमलों ने उनके जीवन को तबाह कर दिया है।
चार दशक से झेल रहे आतंक का दंश
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि पिछले चार दशकों से बस्तर के लोग नक्सली आतंक का दंश झेल रहे हैं। इन हमलों के कारण हजारों लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग विकलांग हो गए हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने न केवल शारीरिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी तोड़ दिया है। प्रतिनिधियों ने बताया कि किस तरह नक्सलियों ने उनके घर, जमीन और संस्कृति को नष्ट कर दिया है। पिछले 25 वर्षों में 8,000 से अधिक लोग नक्सली हिंसा के शिकार हुए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लाए गए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने बस्तर में शांति और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में न केवल नक्सलवाद के खात्मे के लिए बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उनकी पहल ने लोगों में नई उम्मीद जगाई है। शांति और पुनर्निर्माण की अपील बस्तर शांति समिति के नेता मंगौ राम कवाड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन नक्सली आतंक ने इस स्वर्ग को तबाह कर दिया है।
राष्ट्रपति ने किया जल्द राहत दिलाने का वादा
प्रतिनिधिमंडल ने बस्तर को इस हिंसा से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास करने की अपील की ताकि शांति और सामान्य स्थिति वापस आ सके। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीड़ितों की शिकायतों को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने बस्तर के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और वादा किया कि जल्द ही राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें-
'दिल्ली सरकार अब रिमोट से चलेगी और...,' CM आतिशी के शपथ ग्रहण पर बोले नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता