नई दिल्ली। जर्मन कार कंपनी फॉक्सवैगन एजी की भारतीय यूनिट डीजल इमीशन घोटाले से प्रभावित देश में एक लाख कारों को रिकॉल कर सकती है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह बात कही है। यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन पर एक सॉफ्टवेयर के जरिये यूएस डीजल इमीशन टेस्ट में गड़बड़ी का आरोप है। कंपनी पर आरोप है कि उसने इस गड़बड़ी के जरिये दुनियाभर में तकरीबन 1.1 करोड़ डीजल वाहनों की बिक्री की है। पिछले माह इस घोटाले का खुलासा होने के बाद फॉक्सवैगन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
इससे पहले बुधवार को फॉक्सवैगन ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए थे। कंपनी को पिछले 15 सालों में पहली बार किसी तिमाही में घाटा हुआ है। जुलाई-सितंबर तिमाही में फॉक्सवैगन को 1.673 अरब यूरो (1.85 अरब डॉलर) का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में उसे 2.971 अरब यूरो का मुनाफा हुआ था। कंपनी को घोटाले के शुरुआती खर्च की भरपाई के लिए 6.7 अरब यूरो का भुगतान करना है। फॉक्सवैगन के 78 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ा बिजनेस संकट है। कंपनी ने कहा है कि इस संकट की वजह से इस का उसका संचालन मुनाफा पिछले साल के रिकॉर्ड 12.7 अरब यूरो से कम रहेगा।
Emissions Scandal: 15 साल में पहली बार फॉक्सवैगन को करना पड़ा Q3 में घाटे का सामना
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रिकॉल अगले माह 8 नवंबर से शुरू होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंपोर्ट किए गए इंजन वाली कार इस घोटाले से ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि फॉक्सवैगन इंडिया के प्रवक्ता ने इस पर अपनी तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दी है।