नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे बाद इस साल औसत बारिश महज 88 फीसदी होने की संभावना है। उन्होंने इस मानसून को 'सामान्य से कमजोर' और 'अपर्याप्त' बताया। हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौसम में हो रहे बदलाव पर करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने सभी संबंधित मंत्रियों को आवश्यक तैयारियां करने एवं कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता को परेशानी न हो।
उन्होंने कहा, "मौसम संबंधी ताजा पूर्वानुमान मुझे परेशान कर रहे हैं, क्योंकि इस मानसून में 88 फीसदी बारिश (सामान्य से चार फीसदी अधिक या कम) होने की आशंका है, जो अप्रैल की 93 फीसदी बारिश की संभावना से कम है।" उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (दिल्ली, हरियाणाा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान) में सामान्य से 85 फीसदी (आठ फीसदी कम) बारिश होगी।
हर्षवर्धन ने कहा कि मानसूनी बारिश के सामान्य (दीर्घावधि की सामान्य बारिश 96 और 104 फीसदी के बीच) से कम रहने की आशंका अब अप्रैल के 68 फीसदी अनुमान से बढ़कर 93 फीसदी हो गई है।
उन्होंने कहा, "चलिए, प्रार्थना करें कि यह पूर्वानुमान सच न निकले।" भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल में देश में सामान्य बारिश 93 फीसदी रहने की भविष्यवाणी की थी।
हर्षवर्धन ने ग्लोबल वार्मिग के चलते भूमध्यवर्ती प्रशांत महासागर में हुए ईएल नीनो और जलवायु परिवर्तन को इस पूर्वानुमान की कई वजहों में से दो वजह बताया। उन्होंने कहा, "यकीनन ईएल नीनो और जलवायु परिवर्तन एक वजह है।" हर्षवर्धन ने कहा, "प्रधानमंत्री स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।"