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सेबी के अंशकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त हुए साठे

नई दिल्ली:  सरकार ने वरिष्ठ वकील और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बड़े भाई अरूण पी साठे को पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल में नियुक्त किया जिससे प्रमुख पदों पर राजनीतिक मनोनयन के

सेबी शेयर बाजार, ब्रोकर समेत विभिन्न किस्म की बाजार इकाइयों, म्यूचुअल फंड, एफआईआई, रेटिंग एजेंसयों और निवेश बैंकरों के साथ-साथ हजारों सूचीबद्ध कंपनियों का भी नियमन करता है। साठे कुछ कंपनियों के निदेशक मंडल में रहे हैं। उम्मीद है कि वह इस महीने होने वाली सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में शामिल होंगे जो उनकी पहली बैठक होगी।

सेबी के निदेशक मंडल के एक नामित सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, शायद साठे इस पद के लिए पात्र व्यक्ति हैं लेकिन यदि किसी व्यक्ति के मजबूत राजनीतिक संबंध हों तो ऐसी नियुक्ति से गलत संदेश जाता है। सरकार, सेबी के निदेशक मंडल में जिन पांच सदस्यों को नियुक्त कर सकती है उनमें से तीन पूर्णकालिक सदस्य होने चाहिए। इनके अलावा निदेशक मंडल में अध्यक्ष, तीन नामित सदस्य - आरबीआई, वित्त मंत्रालय और कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से एक-एक सदस्य - होते हैं।

निदेशक मंडल के मौजूदा स्वरूप के मुताबिक फरवरी 2016 में जब अध्यक्ष यू के सिन्हा का मौजूदा कार्यकाल खत्म होगा तो सरकार एक और सदस्य की नियुक्ति कर सकती है। उम्र के हिसाब से सिन्हा को और एक साल का विस्तार मिल सकता है। ऐसी सुगबुगाहट है कि सरकार ने उनका उत्तराधिकारी ढूंढने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि आवेदन आमंत्रित करने के लिए औपचारिक रूप से विज्ञापन जारी होना अभी बाकी है।

सिन्हा बिहार केडर के 1976 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इन्हें फरवरी 2011 में तीन साल के लिए सेबी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था ओर बाद में उन्हें दो साल का विस्तार दिया गया था जो 17 फरवरी 2016 को समाप्त हो रहा है। सेबी के तीन पूर्णकालिक सदस्यों में से प्रशांत शरण और एस रमण का मौजूदा कार्यकाल 2017 में खत्म हो रहा है जबकि राजीव कुमार अग्रवाल का कार्यकाल 2016 में खत्म होगा।