Impact: अरहर दाल की कीमतों में गिरावट शुरू, जमाखोरों से सरकार ने अब तक जब्त की 82,000 टन दाल
नई दिल्ली। सरकार की ताबड़तोड़ कोशिशों का असर दाल की कीमतों पर दिखने लगा है। अरहर दाल के दाम मंगलवार को 190 रुपए प्रति किलो पर आ गए। इससे पहले अरहर दाल की कीमतें 210
नई दिल्ली। सरकार की ताबड़तोड़ कोशिशों का असर दाल की कीमतों पर दिखने लगा है। अरहर दाल के दाम मंगलवार को 190 रुपए प्रति किलो पर आ गए। इससे पहले अरहर दाल की कीमतें 210 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थी। जमाखोरी के खिलाफ सरकार ने कई राज्यों में छापा मार अब तक 82,000 टन दालें जब्त की गईं। जब्त दाल एक सप्ताह के भीतर रिटेल मार्केट में आनी शुरू हो जाएगी। इससे बाद कीमतें और नीचे आएंगी।
दाल की कीमत में आई तेज गिरावट
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार तुअर दाल की कीमत 210 रुपए से घटकर मंगलवार को 190 रुपए प्रति किलो रह गई, जबकि इस कमोडिटी की थोक कीमत घटकर 181 रुपए रह गई। पुडुचेरी, अहमदाबाद, जयपुर, रांची, बेंगलुरू में तुअर के दाम में तेज गिरावट दर्ज की गई है। वहीं मेंगलुरू, मुंबई, तिरुनेलवेली तथा चेन्नई में कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई। उड़द दाल की कीमत खुदरा और थोक दोनों ही बाजार में आठ रुपए प्रति किलो घट गई। उड़द की खुदरा कीमत 190 रुपए प्रति किलो थी जबकि थोक बाजार में इसकी कीमत 180 रुपए प्रति किलो थी। अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र से अधिकतम 57,455 टन स्टाक जब्त किया गया। इसके कारण थोक बाजार तुअर दाल की कीमत एक सप्ताह पहले के 200 रुपए से घटकर अब 152 रुपए रह गई है हालांकि, इस जब्ती का प्रभाव अभी खुदरा बाजारों में देखा जाना बाकी है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अभी तक छत्तीसगढ़ में 4,932 टन दलहन जब्त किये गए जबकि मध्य प्रदेश में 2,370 टन, राजस्थान में 3,330 टन और हरियाणा में 2,189 टन दालें जब्त की गईं।
जमाखोरों पर छापेमारी जारी
कीमत स्थिति पर दैनिक आधार पर निगरानी मंगलवार को भी जारी रही। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने मौजूदा परिदृश्य की समीक्षा की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों में सरकारों द्वारा डाले गए 8,394 छापों के दौरान अब तक 82,000 टन दाल दलहन जब्त की गईं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 12 राज्यों में दलहन जब्त किये जाने के बाद कीमतों में नरमी की प्रवृत्ति दिखनी शुरू हो गयी है। बयान में आगे कहा गया है कि और अधिक राज्यों ने सरकारी (सहकारिता) बिक्री केन्द्रों के जरिए दलहन बेचना शुरू किया है। खुदरा बाजारों में भी कीमतों में गिरावट का रूख है।
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