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कर्ज में डूबा चौथा विकासशील देश है भारत, जानिए क्यों'

नई दिल्ली: सरकार द्वारा विकास के लिए हो रहे खर्च के कारण पूरे देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में भारी बढ़ोतरी सामने आई है। जो देश में प्रति व्यक्ति कर्ज वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 41,129

तेजी से बढ़ रहा है...- India TV Hindi तेजी से बढ़ रहा है भारतीयों का कर्ज, फिर बढ़ी देनदारी

नई दिल्ली: सरकार द्वारा विकास के लिए हो रहे खर्च के कारण पूरे देश में प्रति व्यक्ति कर्ज में भारी बढ़ोतरी सामने आई है। जो देश में प्रति व्यक्ति कर्ज वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 41,129 रुपए था, वो साल 2014-2015 में 44,095 रुपए हो गया है।

सरकारी खातों के मुताबिक कर्ज में देशी और विदेशी के अलावा अन्य देनदारियां भी शामिल है। प्रति व्यक्ति कर्ज में बढ़ोतरी की मुख्य वजह बेहतर विकास दर हासिल करने के लिए विकास मद में खर्च को बढ़ाना है।

वर्ल्ड बैंक 2015 के आंकड़ों के अनुसार 20 सबसे विकासशील देशों की सूची में भारत कर्ज में डूबने वाले देशों के चौथे स्थान पर है।

साल 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में विदेशी कर्ज के भुगतान के मद में क्रमश: 4.04 लाख करोड़ रुपए, 4.85 लाख करोड़ रुपए और 5.56 लाख करोड़ रुपए है। 31 मार्च 2015 तक कुल बकाया देनदारी 68.95 लाख करोड़ रुपए है।