2 किलो के गैस सिलेंडर बाजार में लाने की तैयारी, नए कनेक्शन की ऑनलाइन बुकिंग शुरू
नई दिल्ली। सरकार दो किलो का रसोई गैस सिलेंडर लाने पर विचार कर रही है जिसे स्थानीय किराना दुकानों के जरिए दिया जाएगा। इस बीच सरकार ने रसोई गैस के नये कनेक्शन की बुकिंग आनलाइन
नई दिल्ली। सरकार दो किलो का रसोई गैस सिलेंडर लाने पर विचार कर रही है जिसे स्थानीय किराना दुकानों के जरिए दिया जाएगा। इस बीच सरकार ने रसोई गैस के नये कनेक्शन की बुकिंग आनलाइन करनी शुरू कर दी है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, हम अब दो किलो का सिलेंडर पेश करने की योजना बना रहे हैं जो लाने लेजाने में आसान होगा। यह विशेषकर उन ग्रामीण गरीब लोगों के लिए फायदेमंद होगा जोकि 14.2 किलो या पांच किलो वाले सिलेंडर की कीमत चुकाने में सक्षम नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि घरेलू इस्तेमाल के लिए रसोई गैस :एलपीजी: का पारंपरिक सिलेंडर 14.2 किलो का है जो कि लाने ले जाने में आसान नहीं है। इसके अलावा इसकी 418 रपये की कीमत को भी गरीब ग्रामीण आबादी के हिसाब से उंची माना जाता है।
उपभोक्ताओं को और आसान विकल्प उपलब्ध कराने के लिए पांच किलो का गैस सिलेंडर अक्तूबर 2013 में पेश किया गया था जिसकी कीमत 155 रपये है। प्रधान ने कहा कि इस दिशा में पहले पांच किलो वाले एलपीजी सिलेंडर का उपयोग बढाया जाएगा। पहले चरण में ग्रामीण व दूरदराज के इलाकों में पांच किलो वाले गैस सिलेंडर के लिए कनेक्शन जारी किए जाएंगे। वे यहां एलपीजी कनेक्शन की आनलाइन बुकिंग के शुरआत के अवसर पर बोल रहे थे। प्रधान ने कहा, उपभोक्ता अब नया कनेक्शन आनलाइन बुक कर सकते हैं। इसका सत्यापन 48 घंटे के भीतर हो जाएगा और निकटवर्ती एलपीजी एजेंसी से नया गैस कनेक्शन अगले तीन चार दिन में उपभोक्ता के घर आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस शुरूआत से उपभोक्ताओं की नये गैस कनेक्शन के लिए गैस एजेंसियों के यहां जाने में होने वाली परेशानियां दूर होंगी। नया गैस सिलेंडर बुक कराना तो पहले ही आनलाइन किया जा चुका है।
दो किलो के प्रस्तावित गैस सिलेंडर से समाज के कमजोर तबके सहित, विद्यार्थियों व आव्रजक श्रमिकों की रसोई गैस जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा जिनके पास आमतौर पर अपने आवासीय पते का कोई साक्ष्य नहीं होता। इस तरह के लोग पांच किलो का सिलेंडर बाजार कीमत पर खरीद सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 25 लाख लोग स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा औसतन 50,000 लोग सब्सिडी छोड़ रहे हैं, प्रधानमंत्री ने इसके लिए एक करोड़ का लक्ष्य रखा है। इसी तरह एलपीजी की सब्सिडी को सीधे उपभोक्ता के खाते में डालने की डीबीटीएल योजना को गिनिज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड ने दुनिया का सबसे बड़ा नकदी हस्तांतरण कार्यक्रम माना है।
डीबीटीएल का नाम अब पहल कर दिया गया है। घरेलू रसोई गैस के 15.65 करोड़ सक्रिय उपभोक्ताओं में से 13.8 करोड़ डीबीटीएल से जुड़ चुके हैं। प्रधानने कहा कि मोदी ने बाजार कीमत पर सिलेंडर खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी ताकि इसका फायदा सबसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके।