नई दिल्ली: एक रुपए के नोट को छापने की लागत 1.14 रुपए बैठती है। सूचना के अधिकार आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में यह तथ्य सामने आया है। करीब 20 साल बाद एक रुपए का नोट फिर पेश किया गया है। केंद्र सरकार के तहत सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कारपोरेशन आफ इंडिया एसपीएमसीआईएल ने आरटीआई के जरिये पूछे गए सवाल पर कहा कि लागत आडिट से बताई जा सकती है।
वित्त वर्ष 2014-15 के लिए आडिट अभी चल रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल को दिए जवाब में एसपीएमपीसीआईएल ने कहा कि रुपए की छपाई की अस्थायी या अनांकेक्षित लागत 1.14 रुपए है। अग्रवाल ने बताया कि छपाई की उंची लागत की वजह से एक रुपए के नोट की छपाई 1994 में बंद कर दी गई थी। इसी तरह दो रुपए और पांच रुपए के नोट की भी छपाई बंद की गई। अब एक, दो और पांच रुपए के सिक्के प्रचलन में हैं।
अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 16 दिसंबर, 2014 की गजट अधिसूचना के जरिये अंतत: 6 मार्च, 2015 को एक रुपए का नोट नए सिरे से जारी किया। अन्य करेंसी नोटों पर रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि एक रुपए के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर हैं। अग्रवाल ने इस प्रतिगामी कदम की जांच की मांग की है।