जुनून ने दिया गजब आईडिया, किराए पर देने लगे बाइक्स
नई दिल्ली: कहते है कि कभी कभार कोई बात आपके दिल को इस कदर छू जाती है कि आप कुछ ऐसा कर बैठते हैं कि दुनिया आपकी दीवानी बन जाए। तीन मस्ताने दोस्त जब कभी
तस्वीर में बाईं ओर वरुण अग्नि, बीच में विवेकानंद और दाईं ओर अनिल है
कैसे हुई कंपनी की शुरुआत
'विकेड राइड' कंपनी तीन दोस्त विवेकानंद, वरुण और अनिल ने शुरू की थी। इससे पहले विवेकानंद चार्टर्ड अकाउंटेंट, अनिल कंपनी सेक्रेट्री और वरुण इंजीनियर थे। वरुण विदेश में नौकरी करते थे। तीनों के ही पास बाइक नहीं थी। जब भी वह वीकएंड पर शहर घूमने जाते थे तो कोई भी बाइक देने के लिए तैयार नहीं होता था। इसी के चलते तीनों एक यूनीक आइडिया पर काम करने लग गए और अपनी अपनी नौकरी छोड़ एक कंपनी तैयार की।
कंपनी के एमडी विवेकानंद ने बताया कि यहां से पहले तीनों को ही अच्छी सैलरी मिल रही थी। लेकिन हम कुछ अलग करने की चाह में इस यूनीक आइडिया के साथ आए। विवेकानंद ने कहा कि हमने एक अप्रैल 2014 को यह कंपनी खोली और 3 अप्रैल 2014 को पहली बाइक आई। शुरुआत में हमने बाजार में मौजूद विकल्पों और साधनों को समझने कोशिश की थी और तो और भारत सरकार के विभिन्न नियमों और कानूनों को समझा। लेकिन अब दिन-प्रतिदिन यूजर बढ़ते देख अन्य प्रमुख शहरों में आने की योजना बना रहे हैं। साथ ही अगले दो महीनों में बाजार में ऐप भी लॉन्च होगा, जिसके जरिए कोई भी बाइक बुक करा सकता है। विवेकानंद ने कहा कि अब तक गोवा में भी किराए पर बाइक की सुविधा थी, लेकिन हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू करना चाहते हैं। अभी हमरा बिजनेस 'नो प्रोफिट-नो लॉस' के आधार पर चल रहा है।
महिलाओं के लिए निशुल्क ट्रेनिंग
विवेकानंद ने बताया कि महिलाओं के लिए निःशुल्क बाइकिंग क्लासिज का भी आयोजन किया जा रहा है जिससे कि महिलाओं के बीच बाइकिंग के चलन को बढ़ावा दिया जा सके। ‘विकेड राइड’ की यह ट्रेनिंग निशुल्क है।
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