नई दिल्ली: नेस्ले इंडिया ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह सवाल उठाया है कि मैगी नूडल्स की फिर से जांच की अनुमति क्यों दी जा रही है, जब इस तरह का एक आदेश बंबई हाई कोर्ट पहले ही दे चुका है और प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने वाली है। यह मामला राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग के सामने लाया गया था। न्यायमूर्ति वीके जैन और न्यायमूर्ति बीसी गुप्ता की पीठ नेस्ले इंडिया के खिलाफ क्लास एक्शन सूट की सुनवाई कर रही है।
क्लास एक्शन सूट उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नेस्ले द्वारा कथित तौर पर व्यापार में अनुचित तरीका अपनाए जाने पर दाखिल किया है।
नेस्ले के वकील ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा दाखिल क्लास एक्शन सूट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बंबई हाईकोर्ट के आदेश पर मैगी नूडल्स की जांच तीन प्रयोगशालाओं में चल रही है और जल्द ही उनकी रिपोर्ट भी आने वाली है। ऐसे में एक और नई जांच कराने की क्या जरूरत है?
क्या कहा था बंबई हाईकोर्ट ने
बंबई हाईकोर्ट के आदेश पर मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच तीन प्रयोगशालाओं मोहाली, जयपुर और हैदराबाद में की जा रही है। यदि इन तीनों प्रयोगशालाओं में नमूने की जांच में सीसे की मात्रा निर्धारित सीमा के दायरे में पाई गई तो मैगी नूडल्स का उत्पादन शुरू करने के लिए नेस्ले इंडिया को अदालत से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न्यायालय ने 13 अगस्त को मैगी नूडल्स के उत्पादन, वितरण, बिक्री और निर्यात पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया था। नेस्ले इंडिया द्वारा उत्पादन शुरू करने के लिए स्पष्टीकरण मांगे जाने पर न्यायालय ने कहा था कि यदि सीसे की मात्रा 2.5 पीपीएम से कम पाई गई तो कंपनी तुरंत उत्पादन शुरू कर सकेगी। उत्पादन शुरू होने पर नए पैकेटों की जांच इन तीनों प्रयोगशालाओं में होने के बाद ही बिक्री की जा सकेगी।
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