नेस्ले के बेबी मिल्क पाउडर में मिले जिंदा कीड़े!
नई दिल्ली: नेस्ले इंडिया की परेशानियों का पहले से ही इतना बोझ है कि अब कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मैगी में लेड की मात्रा अधिक पाए जाने की खबरें पहले से
नई दिल्ली: नेस्ले इंडिया की परेशानियों का पहले से ही इतना बोझ है कि अब कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मैगी में लेड की मात्रा अधिक पाए जाने की खबरें पहले से थीं, अब एक मीडिया रिपोर्ट में नया खुलासा किया गया है। तमिलनाडु के एक टैक्सी ड्राइवर अनंत ने शिकायत की है कि कंपनी के नैन प्रो 3 मिल्क पाउडर के पैक में उन्हें लार्वा (कीड़े) मिले हैं। इसके बाद उन्होंने राज्य के फूड सेफ्टी विंग में इसकी शिकायत की। कोयंबटूर की फूड अनैलिसिस लैबरेट्री को सैंपल भेजे गए और इनमें 28 जिंदा लार्वा और 22 राइस वीवल्स (चावल में मिलने वाले कीड़े) मौजूद होने की बात साबित हुई।
अनंत यह बेबी मिल्क अपने 18 माह के जुड़वां बच्चों के लिए लाए थे। एक बच्चे को वह यह दूध पिला चुके थे और दूसरे को पिलाने जा रहे थे कि उन्हें लार्वा दिख गए। दूध पिलाने के दो दिन बाद बच्चे में स्किन एलर्जी शुरू हो गई, जिसके बाद उसे बाल हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाना पड़ा।
मैगी ऐंबैसडर्स के खिलाफ FIR के आदेश बिहार के एक कोर्ट ने मंगलवार को पुलिस को आदेश दिया कि वह मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले के दो अधिकारियों और मैगी के विज्ञापन में नजर आ चुके फिल्म स्टार्स- अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। मुजफ्फरपुर की एक जिला अदालत ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर इन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट रामचंद्र प्रसाद ने काजी मोहम्मदपुर पुलिस थाना को पांचों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और शिकायत की जांच का निर्देश दिया। याचिका में नेस्ले के प्रबंध निदेशक मोहन गुप्ता और उसके संयुक्त निदेशक सबब आलम का नाम भी शामिल है। अदालत ने वकील सुधीर कुमार ओझा की शिकायत पर यह आदेश दिया। शिकायत में दावा किया गया है कि पीड़ित ने 30 मई को मुजफ्फरपुर के लेनिन चौक की एक दुकान से मैगी खरीदी थी, जिसे खाने के बाद वह बीमार पड़ गए। इसी वजह से उन्होंने मामला दर्ज कराया। मामला आईपीसी की धाराओं 270 (नुकसानदेह कृत्य जिससे प्राणघातक बीमारी के संक्रमण का खतरा हो), 273 (हानिकारक भोजन या पेय पदार्थ की बिक्री), 276 (अलग औषधि के तौर पर या तैयार औषधि की बिक्री) तथा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक में मैगी को क्लीनचिट! एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक और महाराष्ट्र ने प्राथमिक जांच में मैगी को क्लीन चिट दे दी है। उधर, नेस्ले ने भी दावा किया है कि मैगी में लेड की मात्रा तय मानकों के मुताबिक है। हालांकि, कंपनी ने 2 मिनट नूडल्स में टेस्ट बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट यानि एमएसजी के होने को लेकर चुप्पी साधी है।
मैगी पर केरल ने लगाया बैन केरल स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन ने राज्य भर में अपने आउटलेट्स पर मैगी न बेचने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। ऐसा बैन लगाने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने यह फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया है, जिनमें बताया जा रहा है कि मैगी में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं।
हरियाणा में भी जांच के आदेश हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के सभी सिविल सर्जन को आदेश दिए हैं कि वो मैगी के सैंपल भरें और उनकी गहन जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपे। विज ने बताया कि सीएमओ से कहा गया है कि वह जिलों से मैगी के सैंपल लेकर उनकी जांच करें। यदि उनमें शीशे (लेड) की मात्रा अधिक पाई गई तो नैस्ले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसके बाकी प्रॉडक्ट्स की भी जांच की जाएगी। शीशा एक हद तक शरीर के लिए सही है पर यदि उसकी मात्रा अधिक हो तो ये बहुत हानिकारक साबित होता है।