दुनियाभर के देशों में फिल्मों की रिलीज और उसके बाद बेहतरीन कलेक्शन से देश के फॉरेन एक्सचेंज को फायदा होता है। डॉलर में कमाई होने से रुपए को मजबूती मिलती है जो अर्थव्यवस्था के लिए सेहतमंद है।
मिलती हैं नौकरियां भी...
एक फिल्म की शूटिंग महीनों में और कई बार तो खत्म होते होते साल लग जाते हैं। ऐसे में ये इंडस्ट्री फिल्म निर्माण के दौरान स्थायी और अस्थायी रूप से रोजगार मुहैया कराकर देश की तरक्की में सीधा योगदान देती है।